अप्रैल- जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ में 23.9 फीसदी की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। यह किसी तिमाही में भारत की जीडीपी में 40 साल की सबसे बड़ी कमजोरी है। हालांकि, देश की आर्थिक हालत को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा कि दूसरी और तीसरी तिमाही में आर्थिक विकास में तेजी आएगी और भारत की इकनॉमी में V आकार की रिकवरी होगी। आपको बता दें कि भारत ने तिमाही जीडीपी के आंकड़े जब से जारी करने शुरू किये हैं, उसमें यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। इसके पहले अगर जीडीपी नेगेटिव होने बात करें तो यह 1979-80 में हुई थी, जब सालाना जीडीपी में 5.2 फीसदी की गिरावट आई थी।
दिसंबर तिमाही में कैसे आएगी देश की आर्थिक ग्रोथ में तेजी
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन ने कहा, ‘देश में दो महीने तक कठोर लॉकडाउन लागू किया गया था। इसके कारण जीडीपी में इतनी भारी गिरावट दर्ज की गई है। उन्होंने कहा है कि अब कोर सेक्टर में सुधार हुआ है। बिजली की खपत बढ़ी है, इसके अलावा मालगाड़ी ट्रैफिक में तेजी आई है, ई-वे बिल बढ़ा है। ये ऐसे संकेत हैं जिससे साफ पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में सुधार हो रहा है। जो आगे और अधिक बढ़ेगा। इसलिए दिसंबर तिमाही में आर्थिक ग्रोथ होने की संभावना और अधिक बढ़ सकती है।
आपको बता दें कि 31 अगस्त को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अलावा आठ कोर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के आउटपुट में सुधार आ रहा है. अप्रैल में इसमें 38 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी जो मई में घटकर 22 फीसदी , जून में 13 फीसदी और जुलाई में 9.6 फीसदी पर आ गई है. इससे साफ पता चलता है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर तेजी से सुधर रहा है.
मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमण्यन
उन्होने कहा, ‘यह (कोरोना) एक-डेढ़ शताब्दी में होने वाली घटना है, जिसका सामना हम कर रहे हैं. अप्रैल से जून में भारत में लॉकडान की वजह से ज्यादातर आर्थिक गतिविधियों पर रोक थी. ये आंकड़े अनुमान के मुताबिक ही हैं.’ उन्होंने कहा कि इस दौरान ब्रिटेन की जीडीपी में भी 22 फीसदी की गिरावट आई है.
सुब्रमण्यम ने कहा कि मालगाड़ी ट्रैफिक जुलाई 2019 के 95 फीसदी स्तर तक पहुंच चुका है. अगस्त के शुरुआती 26 दिनों में यह पिछले साल के मुकाबले 6 फीसदी ज्यादा है. पावर कंजप्शन भी 2019 की इस अवधि के मुकाबले केवल 1.9 फीसदी कम है.