स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों को एक संदेश भेजकर सूचना प्रदान की है कि उनके क्रेडिट और डेबिट कार्ड पर 30 सितंबर से कुछ सर्विसेस बंद की जा रही हैं। बैंक ने ये फैसला रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से कुछ नियमों में बदलाव के बाद लिया है, 1 अक्टूबर से लागू हो रहे हैं। ये सेवाएं अंतरराष्ट्रीय लेनदेन से जुड़ी हुई हैं। बैंक का कहना है कि अगर आप अपने कार्ड पर अंतरराष्ट्रीय बाजारों में खरीदारी की सुविधा जारी रखना चाहते हैं तो INTL के बाद अपने कार्ड संख्या की आखिरी 4 डिजिट लिखकर 5676791 पर एसएमएस करें। जानते हैं कि आरबीआई ने कार्डहोल्डर्स के लिए नियमों में क्या बदलाव किया है।
ये नियम, कोविड-19 के कारण टले थे
रिजर्व बैंक ने 30 सितंबर 2020 से डेबिट और क्रेडिट कार्ड से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए हैं। कोविड-19 महामारी के कारण असाधारण स्थिति को देखते हुए कार्ड जारीकर्ताओं को आरबीआई ने नियम लागू करने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया था। इससे पहले ये नियम जनवरी 2020 में लागू होने थे, लेकिन कोविड-19 के कारण इन्हें टाला जाता रहा और अब ये 30 सितंबर से लागू किए जा रहे हैं।
लेनदेन को लेकर प्राथमिकता ग्राहक को खुद दर्ज करानी होगी
आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक, ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय, ऑनलाइन और कॉन्टैक्टलेस कार्ड से लेनदेन के लिए अलग से प्राथमिकता दर्ज करानी होगी। मतलब साफ है कि ग्राहक को जरूरत है तो ही उसे ये सर्विस मिलेगी। आसान भाषा में समझें तो ग्राहकों को अब इसके लिए अप्लाई करना होगा। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि डेबिट और क्रेडिट कार्ड जारी करते वक्त ग्राहकों को घरेलू ट्रांजेक्शन की अनुमति देनी चाहिए। साफ है कि अगर जरूरत नहीं है तो एटीएम मशीन से पैसे निकालते और पीओएस टर्मिनल पर शॉपिंग के लिए विदेशी ट्रांजेक्शन की अनुमति नहीं दी जाए.
ग्राहक अपनी ट्रांजेक्शन लिमिट तय करेंगे
अब ग्राहक को फैसला करना होगा कि अपने कार्ड से घरेलू ट्रांजेक्शन चाहते हैं या इंटरनेशनल ट्रांजेक्शन। अब ग्राहक ही फैसला करेगा कि उसे कौन सी सर्विस एक्टिवेट करानी है और कौन सी डीएक्टिवेट। ग्राहक 24 घंटे सातों दिन अपनी ट्रांजेक्शन की लिमिट भी बदल सकता है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब आप अपने एटीएम कार्ड को मोबाइल ऐप, इंटरनेट बैंकिंग, एटीएम मशीन पर जाकर, आईवीआर के जरिये कभी भी ट्रांजेक्शन लिमिट तय कर सकते हैं। अब बैंक आपकी लिमिट तय नहीं करेगें। ग्राहक ही ट्रांजेक्शन लिमिट तय कर सकते हैं।