महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महेंद्रा का कहना है कि नये स्वरूप और पुनरुद्धार वाला होगा यह वर्ष उनका कहना था कि महेंद्रा समूह कोविड-19 संकट से मजबूत बनकर उभरा है और इस प्रतिकूल और बुरे साल 2020 को नए स्वरूप और पुनरुद्धार के वर्ष में बदला जाएगा। समूह के 2.56 लाख कर्मचारियों को नए वर्ष के मौके पर अपने संबोधन में महिंद्रा का कहना था कि पिछले वर्ष महामारी के कारण विभिन्न समस्याओं के बावजूद कुछ अप्रत्याशित रूप से अच्छी चीजें सामने ऊभर कर आईं हैं। उन्होंने कोविड-19 टीकों का उल्लेख करते हुए कहा कि उद्देश्य से संचालित कारोबार, नए सिरे से शुरुआत (रिबूट) और पुनर्मूल्यांकन के संदर्भ में समूह के लिए यह एक सीखने वाली बात है। कोविड-19 टीकों के विकास पर शोधकर्ताओं और नियामकों ने तेजी से इस पर काम किया और यह 10 माह में बनकर तैयार हुआ जबकि इसमें औसतन 10 साल तक का समय लग जाता।
महिंद्रा का कहना था कि मुझे लगता है कि इस बात का पहला महत्वपूर्ण सबक यह है कि उद्देश्य से संचालित कारोबार के लिए समय आ गया है। उन्होंने कहा कि टीके का विकास सही मायने में उद्देश्य से संचालित कारोबार है, जिसपर समूह 1997 से काम कर रहा है। उनका कहना था कि दूसरी महत्वपूर्ण सीख तेजी से अपने-आप को आगे के लिए तैयार करना यानी रिबूट करने की है। यह देखने की आवश्यकता है कि किस प्रकार चिकित्सा विज्ञान ने अपने परंपरागत रुख को छोड़ा और कोविड-19 की नई समस्या से निपटने के लिए स्वयं को तैयार किया है। इसके लिए प्रक्रियाओं को पुनर्गठित किया गया, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग किया गया, अनावश्यक चीजों को हटाया गया और उद्देश्यपूर्ण तरीके से काम करते हुए टीके का विकास किया गया है।