भोपाल। नए वर्ष के पहले दिन शेयर बाजार गिरावट के साथ खुला। बीएसई सेंसेक्स करीब 100 अंक की गिरावट के साथ खुला जबकि निफ्टी भी 21,700 अंक के करीब फिसल गया। सरकारी कंपनी बीएचईएल के शेयरों में करीब चार प्रतिशत तेजी आई जबकि वोडाफोन आइडिया का शेयर दो परसेंट गिरा है। नए वर्ष के मौके पर दुनियाभर के अधिकांश शेयर बाजार आज बंद हैं। सुबह 9.38 मिनट पर सेंसेक्स 126.54 अंक यानी 0.18% गिरावट के साथ 72,113.72 अंक पर ट्रेड कर रहा था। एनएसई का निफ्टी भी 28.45 अंक यानी -0.13% गिरावट के साथ 21,702.95 अक पर आ गया। सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 18 शेयर गिरावट के साथ खुले। बैंकिंग, फाइनेंशियल और आईटी शेयरों में सबसे अधिक गिरावट देखने को मिली।
सेंसेक्स में नेस्ले, टाटा मोटर्स, आईटीसी, टाटा स्टील और पावर ग्रिड के शेयरों में तेजी रही जबकि निफ्टी में बीपीसीएल, कोल इंडिया, डॉ. रेड्डीज लैब और ग्रासिम टॉप गेनर रहे। दूसरी ओर भारती एयरेल, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचयूएल, आयशर मोटर्स, बजाज फाइनेंस और एचडीएफसी बैंक में गिरावट रही।
ब्रॉडर मार्केट्स में बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप में 0.46 प्रतिशत तेजी आई है। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इंडिविजुअल स्टॉक्स की बात करें तो बीएचईएल में पांच प्रतिशत तेजी आई है। कंपनी को ओडिशा में 19,422 करोड़ रुपये का ठेका मिला है।
नए वर्ष में कैसा रहेगा हाल
घरेलू शेयर बाजारों के लिए वर्ष 2023 शानदार रहा। इस दौरान 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 11,399.52 अंक या 18.73 प्रतिशत बढ़ा, जबकि एनएसई निफ्टी में 3,626.1 अंक या 20 प्रतिशत की तेजी आई। यह 2017 के बाद सेंसेक्स और निफ्टी का सबसे बेहतर प्रदर्शन है। नए वर्ष में शेयर बाजार की निगाह ब्याज दरों के साथ लोकसभा चुनाव और भू-राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर रहेगी। विश्लेषकों का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार में तेजी जारी रहेगी और अगले 3-6 माह में प्रमुख शेयर सूचकांक – सेंसेक्स और निफ्टी सात प्रतिशत तक चढ़ सकते हैं।
विश्लेषकों की राय है कि लोकसभा चुनाव, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव, अमेरिका और भारत में ब्याज दरों की चाल, मुद्रास्फीति के रुझान और भू-राजनीतिक हालात शेयर बाजार के लिए प्रमुख कारक होंगे। उन्होंने कहा कि बाजार 2024 के आम चुनावों में बहुमत के साथ भाजपा सरकार की वापसी चाहता है। मोतीलाल ओसवाल ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रिब्यूशन ने एक टिप्पणी में कहा कि लोकसभा चुनाव और उसके बाद पहले आम बजट पर सभी की नजर रहेगी। ब्याज दर में किसी भी कटौती से बाजार को अतिरिक्त बढ़ावा मिलेगा।