भोपाल। दिपावली का समय पास आता जा रहा है, इस कारण लोग बड़ी संख्या में विभिन्न प्रकार की शॉपिंग करने के लिए बाजार जा रहे हैं। दीपावली के ठीक पहले धनतेरस (Dhanteras) पर सोना क्रय करना बहुत शुभ मन जाता है। कई लोग इसी दिन पर सोना लेना पसंद करते हैं, लेकिन आजकल बाजार में असली जैसी दिखने वाली काफी आर्टिफिशियल ज्वेलरी भी आ गई है, जिसे कुछ दुकानदार अधिक लाभ कमाने के लिए ग्राहकों को बेच देते हैं। इस प्रकार की हानि से बचने के लिए क्या किया जाए।
यदि आप इस प्रकार की हानि या नुकसान से बचना चाहते हैं, तो आपको असली और नकली अंतर कैसे पता करते हैं। इसको अच्छे से जान लेना चाहिए, जिससे आप किसी भी धोखाधड़ी और ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं। आइए उन तरीकों के बारे में जानते हैं, जिनसे आप असली और नकली सोने की पहचान आसानी से कर सकते हैं।
हॉलमार्क के माध्यम से सोने की शुद्धता जांचे
सोना खरीदते समय हॉलमार्क शुद्धता पता करने का सबसे आसान तरीका है। हॉलमार्क हर सोने की ज्वेलरी पर होता है। इसे सर्टिफिकेशन ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड द्वारा केवल शुद्ध सोने से बनी ज्वेलरी को ही दिया जाता है। अगर आप बाजार से सोना खरीद रहे हैं और उस पर हॉलमार्क नहीं है, तो ऐसी ज्वेलरी खरीदने से बचना चाहिए।
सोने की पहचान मेगनेट से करें
सोने की सबसे खास बात यह है कि इसमें कोई भी चुंबकीय गुण नहीं होता है और यह किसी भी प्रकार से चुंबक से चिपकता नहीं है। सोना लेते समय इस प्रयोग को आसानी से करके आप नकली सोने का पता कर सकते हैं। अगर सोने की ज्वेलरी चुंबक से चिपकती है, तो वह नकली या फिर मिलावटी हो सकती है।
सोने की शुद्धता का पता पानी से
सोना एक भारी मेटल होता है। इस कारण इससे बनी ज्वेलरी पानी में डालने के बाद तुरंत डूब जाती है। ऐसे में आप एक गिलास पानी से आसानी से सोने की शुद्धता का पता लगा सकते हैं। अगर सोना नकली होगा तो वह डूबेगा नहीं , अगर वह असली है तो तुरंत डूब जाएगा।
नाइट्रिक एसिड के माध्यम से
नाइट्रिक एसिड सोने की शुद्धता पता करने का सबसे अच्छा तरीका मन जाता है। इसके लिए आपको सोने को थोड़ा सा खुरचना होगा और उस स्थान पर एक बूंद नाइट्रिक एसिड डालना होगा। अगर सोना असली होगा, तो उसका रंग नहीं बदलेगा। वहीं, अगर सोना नकली होगा, तो नाइट्रिक एसिड का रंग बदल जाएगा।