भोपाल। द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (MPC) की घोषणा में, आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने घोषणा की कि अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों को किए जाने वाले UPI भुगतान के लिए ट्रांजैक्शन की सीमा पहले के 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है। ऐसा ऑनलाइन भुगतान के लिए UPI को अपनाने के लिए किया गया था।
इनएक्टिव UPI आईडी को एक्टिव करना
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने बैंकों और गूगल पे, पेटीएम और फोनपे जैसे मोबाइल भुगतान एप्लिकेशन से उन खातों की UPI आईडी और नंबर को इनएक्टिव करने के लिए कहा है जो एक वर्ष से इनएक्टिव हैं। NPCI ने पिछले वर्ष एक घोषणा में कहा, बैंकिंग सिस्टम को अपडेट किए बिना ग्राहकों द्वारा अपना फोन नंबर बदलने पर गलती से गलत लोगों को पैसे भेजने से बचने के लिए एनपीसीआई ने यह निर्णय लिया गया है।
UPI लाइट वॉलेट से ट्रांजैक्शन की सीमा बढ़ी
UPI लाइट वॉलेट के लिए ट्रांजैक्शन की सीमा भी 200 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दी गई है। ये भुगतान बिना इंटरनेट कनेक्शन वाले लोग भी कर सकते हैं। हालांकि, ऑनलाइन ट्रांसफर की जा सकने वाली अधिकतम राशि 2,000 रुपये है।
ऑटो भुगतान के लिए ऑथंटिकेशन नहीं
आरबीआई ने यह भी घोषणा की थी कि क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट, म्यूचुअल फंड सब्सक्रिप्शन और बीमा प्रीमियम के लिए 1 लाख रुपये तक के UPI भुगतान के लिए अब अतिरिक्त फैक्टर ऑथंटिकेशन की आवश्यकता नहीं होगी। घोषणा से पहले, AFA ऑथंटिकेशन के बिना ट्रांसफर की जा सकने वाली धनराशि की सीमा 15,000 रुपये थी।
मर्चेंट भुगतान पर इंटरचेंज फीस
NPCI ने पिछले वर्ष व्यापारियों द्वारा किए गए UPI भुगतान पर 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज फीस लगाने की घोषणा की थी। यह फीस कुछ व्यापारी भुगतानों पर लागू होती है जहां ट्रांजैक्शन मूल्य 2,000 रुपये से कम है। यदि ट्रांसफर की गई धनराशि 2,000 रुपये से अधिक है तो फीस लागू नहीं होगी।