प्रभू राम से फाइनेशियल प्लानिंग का मंत्र सीखें और ऐसे बनें धनवान
भोपाल। उल्लेखनीय है कि अब अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए हैं। दुनिया की इसकी साक्षी बनी है। ये ऐतिहासिक और अलौकिक क्षण दुनिया को काफी कुछ सीख दे गया। श्रीराम को धैर्य, मर्यादा और योजना बनाकर विजय हासिल करने वाला कहा जाता है। उनके यही गुण मनी मैनेजमेंट के गुर सिखाते हैं। श्रीराम सिखाते हैं कि कैसे चुनौतियों से लड़ा जाता है और कैसे उनसे निपटा जाता है। आज के युग में फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial planning) के मंत्र को सीखने के लिए श्रीराम से प्रेरणा लेनी चाहिए। अगर उनके मंत्र को अपना लिया तो आपकी कमाई की रक्षा खुद भगवान करेंगे और आप धनवान बन जाएंगे।
इंश्योरेंस लें, संजीवनी के समान है
रावण से युद्ध के दौरान श्रीराम के छोटे भाई लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तो उन्हें बचाने के लिए राम भक्त हनुमान संजीवनी बूटी ले आए थे। लेकिन, इस युग में संजीवनी कौन लाएगा? खुद हनुमान नहीं आएंगे। आज के युग में ये संजीवनी बूटी हेल्थ इंश्योरेंस के माध्यम से प्राप्त होती है, जो आपको ऐसे किसी संकट से निकालने में सहायता करती है। इंश्योरेंस (Insurance) जिंदगी भर साथ निभाता है। और कुछ मामलों में जिंदगी के बाद भी आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा देता है। इलाज के खर्च, सेविंग्स खत्म होने और मृत्यु के बाद आपके परिवार की वित्तीय सहायता देता है। इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance) ही आज की संजीवनी है। इसलिए इंश्योरेंस कराएं।
इमरजेंसी फंड बनाने के लिए राम से संयम रखें
श्रीराम को भी अपने राजतिलक से पहले 14 वर्ष के लिए वनवास काटना पड़ा था। लेकिन, उन्होंने अपने संयम और धैर्य के साथ कर्तव्य मानकर पूरा किया। श्रीराम के ये गुण हमें सिखाते हैं कि आपातकालीन स्थितियों में कैसे इमरजेंसी फंड (Emergency fund) तैयार रखना चाहिए। इमरजेंसी फंड हर मुश्किल घड़ी में वित्तीय सहायता देता है। इसकी प्लानिंग जितनी जल्दी करेंगे, उतना ज्यादा लाभ होगा।इसलिए राम की तरह संयम और धैर्य से इमरजेंसी फंड तैयार करें।
बजट बनाएं अनुशासन में रह कर
श्रीराम से हमें अनुशासन सीखना चाहिए। आपको अपनी वित्तीय सुरक्षा (Financial security) के लिए बजट जरूर तैयार करना चाहिए। बजट से खर्च और बचत को मैनेज करने में सहायता मिलती है। इससे जीवन में वित्तीय स्थिरता आती है। अगर बजट की लक्ष्मण रेखा पार की तो कठिनाई खड़ी हो सकती है। लक्ष्मण रेखा की तरह बजट की रेखा (लिमिट) तय करनी चाहिए। इससे वित्तीय अनुशासन आएगा।
बचत नहीं निवेश भी करें
श्रीराम से संयम और धैर्य रखना सीखना चाहिए। फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) के लिए ये सबसे अहम दो गुण हैं। वनवास के दौरान राम के सामने कई चुनौतियां आईं, लेकिन उन्होंने संयम रखा। योजना बनाकर रावण का वध किया। किसी भी तरह के वित्तीय संकट में भी संयम और धैर्य नहीं खोना चाहिए। प्लानिंग करने पर संकट को टाला जा सकता है। इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग जरूरी है। प्लानिंग से मतलब है कि बचत से काम पूरा नहीं होगा। निवेश करना भी आवश्यक है।
डायवर्सिफाई पोर्टफोलियो
श्रीराम का जीवन हमें निवेश की बारीकियां भी समझाता है। सीता ने राम से हिरण पकड़ने को कहा तो वह उसे पीछे दौड़े। कुछ देर बाद लक्ष्मण भी उनके पीछे गए। इसी बीच रावण का हरण हो गया। ये हमें सिखाता है कि निवेश को हमेशा डायवर्सिफाई रखें। पोर्टफोलियो को ऐसे तैयार करें, जहां नुकसान होने की संभावना कम हो। एक जगह सारा पैसा निवेश न करें। अलग-अलग जगह निवेश से ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है।