भोपाल। पिछले वित्तीय वर्ष के अनुपात में इस वित्तीय वर्ष में हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर की गई महिलाओं की संख्या में 40% की वृद्धि हुई है, जो जागरूकता के साथ-साथ बेहतर स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच के मामले में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है।
अपने लिए स्टैंडअलोन कवरेज खरीदने वाली महिलाओं का संख्या में पिछले वर्ष की तुलना में 43% का बढ़ोतरी हुई है। आमतौर पर महिलाएं खुद से पहले दूसरों के बारे में सोचती हैं, इसलिए उन्हें अपनी सेहत का ख्याल रखते हुए देखना सुखद बदलाव को दर्शाता है।
जब बीमा राशि की बात आती है, तो पाया गया कि अधिक महिलाएं उच्च कवरेज का चयन कर रही हैं। यह न केवल 25 लाख रुपये से अधिक का कवरेज चुनने वाली महिलाओं की संख्या 15% से बढ़कर 24% हो गई है। वहीं 25 लाख से कम बीमा राशि चुनने वाली महिलाओं की संख्या में 7% की गिरावट देखी गई है। यह मेडिकल इमरजेंसी के दौरान व्यापक कवरेज और वित्तीय रूप से सुरक्षित होने के बढ़ते महत्व को दर्शाता है।
टियर- 2 और 3 शहरों से आने वाले पॉलिसीधारकों की हिस्सेदारी में मामली वृद्धि हुई है। टियर-2 शहरों में पॉलिसीधारकों की संख्या में 10.5% की वृद्धि हुई है, जबकि टियर-3 में 4.3% की वृद्धि हुई है।
करीब 40 से कम उम्र के पॉलिसीधारकों की संख्या 47% से बढ़कर 52% हो गई है, जो युवा महिलाओं के बीच स्वास्थ्य के प्रति एक सक्रिय दृष्टिकोण का संकेत देती है। वहीं 25 वर्ष से कम आयु वालों में 22% की वृद्धि, 26 से 35 आयु वर्ग में 9.8% और 41-50 आयु वर्ग में 11.7% की वृद्धि देखी गई है।
वहीं अगर हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने वाली बुजुर्ग महिलाओं की बात करें तो उनकी संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। आकंड़े कुछ इस प्रकार है 51-60 आयु वर्ग में पॉलिसीधारकों की हिस्सेदारी 20% से गिरकर 17% हो गई है और 60+ आयु वर्ग में 17% से गिरकर 13% हो गई है। यह आंकड़े वरिष्ठ नागरिकों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर अधिक जागरूकता और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार प्रोडक्ट को तैयार करने की तरफ इशारा करते हैं।
मैटरनिटी इंश्योरेंस, इंश्योरेंस इकोसिस्टम के अंदर पेश की गई एक नई अवधारणा है, जो 31% की वृद्धि के साथ महिलाओं के बीच गति पकड़ रही है, जिसका श्रेय हाल ही में लॉन्च किए गए इनोवेटिव और कस्टमाइज्ड प्रोडक्ट्स को दिया जा सकता है।
वहीं क्रिटिकल इलनेस कवर खरीदने वाली महिलाओं की संख्या में भी 20% की पर्याप्त वृद्धि गंभीर बीमारियों के प्रति बढ़ी हुई जागरूकता और सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिससे कैंसर जैसी खतरनाक बीमारिरयों के खिलाफ व्यापक सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
सिर्फ हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में ही नहीं, महिलाओं के बीच बढ़ती जागरूकता क्लेम्स तक भी फैली हुई है। क्लेम फाइल करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी में 25% की वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि कैसे इंश्योरेंस इंडस्ट्री महिलाओं को बिना किसी वित्तीय तनाव के समय पर हेल्थ सर्विस तक पहुंच सुनिश्चित करने में सक्षम है।
जब क्लेम्स की बात आती है तो फाइब्रॉइड्स (30%), स्तन कैंसर (30%), और सर्वाइकल कैंसर (10%) जैसी महिला-विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याएं चार्ट में सबसे ऊपर होती हैं। यह महिलाओं के बीच आम स्वास्थ्य परेशानियों के समाधान के लिए अनुरूप कवरेज और विशेष देखभाल के महत्व पर प्रकाश डालता है।
प्रिवेंटिव केयर सर्विस को चुनने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी में दोगुना उछाल (10% से 20%) देखा गया है, जो लॉन्ग टर्म वेलनेस सुनिश्चित करने के लिए बीमारी की तुरंत पहचान और रोकथाम के महत्व पर जोर देता है।