भोपाल। डिजिटल पेमेंट यूपीआई के मामले में भारत ने दुनिया के कई शीर्ष देशों को पीछे छोड़ रखा है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में डिजिटल पेमेंट सिस्टम में यूपीआई का दबदबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। और यूपीआई ट्रांजैक्शन केवल भारतीय सीमा तक सीमित नहीं है बल्कि इसका दायरा दूसरे देशों तक फैसला जा रहा है। यूपीआई के माध्यम से दूसरे देशों में बैठे लोग यूपीआई ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में यूपीआई ट्रांजैक्शन में 56 प्रतिशत की बढ़ौतरी प्रति वर्ष देखने को मिली है।
UPI विदेशों में पांव फैला रहा
पेमेंट सर्विसेज के क्षेत्र की दिग्गज ग्लोबल कंपनी वर्ल्डलाइन ने 2023 की दूसरी छमाही के लिए इंडिया डिजिटल पेमेंट रिपोर्ट जारी किया है। इस रिपोर्ट में भारत में डिजिटल पेमेंट के ट्रेंड्स और लैंडस्केप को कैप्चर किया गया है। रिपोर्ट में बताया कि डिजिटल पेमेंट सिस्टम में यूपीआई का सबसे बड़ा हिस्सा है और भारत के बाहर भी ये अपना पांव फैलाता जा रहा है। भारतीय यूपीआई पेंमेंट सिर्विसेज का उपयोग दूसरे देश भी करते जा रहे हैं।
44% का उछाल
रिपोर्ट के अनुसार 2023 की दूसरी छमाही में यूपीआई ट्रांजैक्शन का वॉल्यूम 65.77 बिलियन रहा है जो 2022 की दूसरी छमाही में 42।09 बिलियन रहा था। यानि 56 प्रतिशत का ग्रोथ प्रति वर्ष देखने को मिली है। ट्रांजैक्शन के वैल्यू पर नजर डालें तो 2022 की दूसरी छमाही के दौरान यूपीआई ट्रांजैक्शन का कुल वैल्यू 69.36 लाख करोड़ रुपये रहा था जो 2023 की दूसरी छमाही के दौरान 44 प्रतिशत के उछाल के साथ 99.68 लाख करोड़ रुपये पर जा पहुंचा है।
UPI का उपयोग छोटे ट्रांजैक्शन के लिए
इंडिया डिजिटल पेमेंट रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई ट्रांजैक्शन के औसत टिकट साइज में 8 प्रतिशत की गिरावट आई है और ये 1648 रुपये से घटकर 1515 रुपये पर आ गया है। यूपीआई ट्रांजैक्शन के औसत टिकट साइज में गिरावट इस ओर इशारा कर रहा कि छोटे और माइक्रो ट्रांजैक्शन के लिए यूपीआई ट्रांजैक्शन का उपयोग तेजी के साथ बढ़ रहा है। ये गिरावट पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन में तेज उछाल के चलते आया है।
UPI का बढ़ाता क्रेज
इस रिपोर्ट पर वर्ल्डलाइन इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रमेश नरसिम्हन ने कहा, वर्ष 2023 के दौरान पेमेंट इकोसिस्टम के मोर्चे बड़ा माइलस्टोन भारत ने प्राप्त किया है। मोबाइल ट्रांजैक्शन के विस्तार के चलते यूपीआई ट्रांजैक्शन सभी डिजिटल पेमेंट सिस्टम में सबसे सर्वोपरि स्थान पर है। ये यूजर्स के स्मार्टफोन बेस्ड पेमेंट के तरीकों में बढ़ते भरोसे को दर्शाता है। इसके लगातार बढ़ने की संभावना है।