<![CDATA[केंद्र सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स 1 जुलाई से ही लागू होगा और इसकी तैयारियों जोर-शोर से चल रही हैं। इसके अलावा सरकार ने उन अफवाहों को भी खारिज करने की अपील की, जिनमें कहा जा रहा है कि नई कर प्रणाली को कुछ और दिनों के लिए टाला जा सकता है। बता दें कि इंडस्ट्री का ही एक वर्ग जीएसटी को कुछ दिनों के लिए टालने की मांग कर रहा था। पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने भी जीएसटी को कुछ दिनों के लिए टालने का का प्रस्ताव दिया था। मंगलवार को वित्त मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'भारत सरकार यह स्पष्ट करती है कि जीएसटी को 1 जुलाई, 2017 से ही लागू किया जाएगा। राज्य सरकारों के साथ मिलकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ एक्साइज ऐंड कस्टम्स ने हर ट्रेडर तक पहुंचने की अपनी कोशिशें बढ़ा दी हैं।' राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्वीट कर कहा, 'जीएसटी लागू करने में देरी की अफवाहें पूरी तरह गलत हैं। कृपया, इन अफवाहों से भ्रमित न हों।' वित्त मंत्रालय ने कहा कि 1 जुलाई से इस ऐतिहासिक व्यवस्था को लागू करने के लिए तैयारी जोरों पर हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने बीते तीन सप्ताहों में 1,200 सामानों और 500 सेवाओं पर टैक्स की दरें तय कर दी हैं। काउंसिल ने सभी सेवाओं और वस्तुओं को 5, 12, 18 और 28 पर्सेंट के टैक्स स्लैब में रखा है। इसी रविवार को हुई जीएसटी काउंसिल की मीटिंग के बाद अरुण जेटली ने कहा था कि केंद्र और राज्यों के बीच ज्यादातर मसलों पर बातचीत हो चुकी है। यह पूछा जाने पर कि छोटे कारोबारियों का कहना है कि वे इस व्यवस्था के लिए तकनीकी तौर पर तैयार नहीं हैं, उनका कहना था कि कुछ लोग कह सकते हैं कि वे तैयार नहीं हैं। लेकिन यह कोई विकल्प नहीं है और इसके लिए तैयारी करनी होगी। इसके लिए आपको प्रतिबद्धता दिखानी होगी।]]>