<![CDATA[भारतीय रिजर्व बैंक ने बैड लोन (भुगतान न किए जाने वाला कर्ज) से निपटने के लिए 12 बड़े कर्जदारों की पहचान करके उन्हें दिवालिया घोषित करने की कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया है। रिजर्व बैंक ने इसके लिए इनटर्नल एडवाइजरी कमेटी (आईएसी) ने 5000 हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज वाले कॉर्पोरेट की पहचान की है। इन 12 लोगों पर विभिन्न बैंकों के करीब एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं। इन कर्जदारों पर इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्शी कोड 2016 (आईबीसी) के तहत कार्रवाई होगी। रिजर्ब बैंक की कमेटी ने फंड और नॉन-फंड दोनों तरह के पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक कर्ज वाले कार्पोरेट या 31 मार्च 20ॊ16 तक 3000 करोड़ रुपये या ज्यादा के नॉन-पर्फार्मिंग एसेट घोषित किए जा चुके कॉर्पोरेट पर आईबीसी के तहत कार्रवाई की जाएगी। रिजर्व बैंक ने मंगलवार (13 जून) को बताया, “आईएसी ने दिए गए मानकों के तहत 12 कर्जदारों की पहचान की है जिन पर बैंकों के कुल एनपीए का करीब 25 प्रतिशत उधार है। इन कर्जदारों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि रिजर्व बैंक ने इन 12 कर्जदारों के नाम नहीं उजागर किए। रिजर्व बैंक का यह फैसला सोमवार (12 जून) को वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा सरकारी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा के बाद सामने आया है। विभिन्न बैंकों का कुल एनपीए या बैड लोन करीब सात लाख करोड़ रुपये का हो चुका है। आरबीआई आईएसी की अनुशंसा के बाद चिह्नित 12 कर्जदारों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए संबंधित बैंकों को निर्देश देगा। ऐसे मामलों की सुनवाई करने वाला नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) प्राथमिकता के आधार पर इन 12 कर्जदारों के मामले का निपटारा करेगा। एनसीएलटी में मामला पहुंचने के बाद 180 दिन के अंदर इस बात का फैसला हो जाएगा कि इन कर्जदारों से कर्ज कैसे वसूला जाएगा। Also Read लंदन: विजय माल्या को 4 दिसंबर तक बेल, कोर्ट के बाहर पत्रकारों को लताड़ा वीडियो : लंदन में विराट कोहली के फंक्शन में पहुंचे भारतीय बैंकों के 9 हजार करोड़ रुपये हड़पने वाले विजय माल्या बैंकों द्वारा लिया गया कर्ज न चुकाने का मुद्दा पिछले कुछ सालों में सुर्खियों में रहा है। विभिन्न सरकारी बैंकों के करीब नौ हजार करोड़ रुपये के कर्जदार विजय माल्या के लंदन फरार हो जाने के बाद बैड लोन के मामले ने और तूल पकड़ लिया। विजय माल्या को भारतीय अदालत भगोड़ा घोषित कर चुकी है। माल्या को भारत वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण का मामला लंदन की अदालत में चल रहा है, जहां मंगवाल (13 जून) को भी सुनवाई हुई]]>