भोपाल। कई बार बीमा पॉलिसी खरीद रहे ग्राहकों के साथ होता ऐसा है कि पॉलिसी लेने के बाद कई शर्तों का पता चलता है। समझ में आता है कि इंश्योरेंस एजेंट ने पॉलिसी की कई शर्तें नहीं बताई। या फिर क्लेम को लेकर कई शर्तें ग्राहक से छिपा लीं। लेकिन इसे लेकर अब उपभोक्ता मंत्रालय से सिफारिश आई है। उपभोक्ता मामले सचिव ने फाइनेंशियल सर्विसेज सचिव को चिट्ठी लिखी है, जिसमें शर्तों के डिस्क्लेमर को लेकर कुछ नियम प्रस्तावित किए गए हैं। जिसमें कोई भी बीमा एजेंट अब गुमराह करके पॉलिसी को बेच नहीं पाएंगा।
क्या हैं प्रस्ताव
उपभोक्ता मामले सचिव ने ऐसे प्रस्ताव दिया है कि इंश्योरेन्स पॉलिसी बेचने के लिए एजेंट गुमराह नहीं कर सकेंगे। चिट्ठी में सुझाव है कि एजेंट ग्राहक से पॉलिसी बेचने के दौरान हुई बातचीत का ऑडियो वीडियो रिकॉर्ड रखें। साथ ही पॉलिसी से जुड़े हर पक्ष का ग्राहक को डीटेल देना अनिवार्य होगा। ताकि ग्राहक को पॉलिसी के बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
दरअसल NCH और अन्य माध्यमों से इंश्योरेंस से जुड़ी शिकायतों में सबसे बड़ा मुद्दा यही है कि एजेंट ने क्लेम नहीं मिलने की बातें छुपाई। बीमा के लाभ बताए लेकिन क्लेम के लिए जरूरी शर्तों को छुपाया। उपभोक्ता मामले सचिव की ओर से ये प्रस्ताव तो ग्राहकों के हित में हैं। हालांकि मामले में निर्णय IRDAI को करना है। कि इस प्रस्ताव के बारे में वह क्या करने वाला है।