भोपाल: लोकसभा में सोमवार को नया इनकम टैक्स बिल 2025 शोर-शराबे के बीच पास हो गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बिल का संशोधित संस्करण पेश किया, जो 1961 के इनकम टैक्स एक्ट को प्रतिस्थापित करेगा। यह बिल करदाताओं के लिए कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। आइए जानते हैं इस बिल में क्या है खास और यह आम लोगों को कैसे प्रभावित करेगा।
बिल की मुख्य विशेषताएं
1. कर प्रणाली में सरलीकरण
नए बिल में शब्दों की संख्या को 6 लाख से घटाकर 3 लाख किया गया है, जिससे इसे समझना आसान होगा। यह कदम करदाताओं और कर अधिकारियों के लिए प्रक्रिया को सरल बनाएगा।
2. नई कर स्लैब संरचना
बिल में आयकर स्लैब में बदलाव किए गए हैं। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके बाद 12 से 16 लाख पर 15%, 16 से 20 लाख पर 20%, 20 से 24 लाख पर 25%, और 24 लाख रुपये से अधिक पर 30% कर लगेगा। यह मध्यम वर्ग के लिए राहत भरा कदम माना जा रहा है।
3. देर से रिटर्न दाखिल करने पर रिफंड
नया बिल उन करदाताओं को राहत देता है जो बीमारी या तकनीकी समस्याओं के कारण समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाते। अब ऐसी स्थिति में भी रिफंड का प्रावधान किया गया है।
4. संपत्ति कर में बदलाव
संपत्ति से होने वाली आय पर कर अब वास्तविक किराए या डीम्ड रेंट (मान्य किराया) में से जो अधिक होगा, उसके आधार पर लगेगा। इससे संपत्ति कर की गणना में पारदर्शिता आएगी।
5. चैरिटेबल ट्रस्ट और एलएलपी के लिए राहत
बिल में चैरिटेबल ट्रस्टों पर लगाए गए कुछ प्रतिबंधों को हटाया गया है। साथ ही, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (एलएलपी) पर वैकल्पिक न्यूनतम कर (एएमटी) हटाने का प्रावधान किया गया है, जिससे इन संस्थाओं को कर प्रक्रिया में आसानी होगी।
6. नया नामकरण
‘एसेसमेंट ईयर’ का नाम बदलकर इसे और सरल बनाया जाएगा। यह बदलाव करदाताओं के लिए प्रक्रिया को और स्पष्ट करेगा।
बिल का उद्देश्य और प्रभाव
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह बिल सेलेक्ट कमेटी की लगभग सभी सिफारिशों को शामिल करता है। इसका उद्देश्य आयकर से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करना है। यह बिल 1 अप्रैल 2026 से लागू होगा और पुराने 1961 के कानून को पूरी तरह से प्रतिस्थापित कर देगा।
यह बिल मध्यम वर्ग के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जा रहा है, क्योंकि इसमें कर छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये किया गया है। साथ ही, छोटे व्यवसायों और चैरिटेबल संगठनों को भी राहत मिलेगी। हालांकि, विपक्ष ने इस बिल को लेकर कुछ आपत्तियां दर्ज की हैं। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे लोकतंत्र के साथ धोखा करार दिया और सरकार से जवाब मांगा।
विशेषज्ञों की राय
कर विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिल कर प्रणाली को और पारदर्शी बनाएगा। विशेष रूप से एलएलपी और चैरिटेबल ट्रस्टों के लिए किए गए प्रावधान छोटे व्यवसायों और सामाजिक संगठनों को बढ़ावा देंगे। साथ ही, देर से रिटर्न दाखिल करने वालों के लिए रिफंड का प्रावधान तकनीकी समस्याओं से जूझ रहे करदाताओं के लिए राहत भरा है।
भविष्य की संभावनाएं
नया इनकम टैक्स बिल भारत की कर प्रणाली को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का दावा है कि यह बिल न केवल करदाताओं के लिए प्रक्रिया को आसान बनाएगा, बल्कि कर संग्रह को भी अधिक प्रभावी बनाएगा। हालांकि, इस बिल के प्रभाव को समझने के लिए इसे लागू होने के बाद के परिणामों का इंतजार करना होगा।
निष्कर्ष
नया इनकम टैक्स बिल 2025 कर प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह मध्यम वर्ग, छोटे व्यवसायों और चैरिटेबल संगठनों के लिए राहत लेकर आएगा। लेकिन, विपक्ष की आपत्तियों और इसके कार्यान्वयन पर नजर रखना जरूरी होगा।