अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी की स्टार्ट-अप कंपनियां निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही

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भारत में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाली कई स्टार्ट-अप कंपनियों की नई पौध सामने आई है और इन कंपनियों ने निवेशकों का भी ध्यान अपनी ओर खींचा है। ये कंपनियां हथेली के आकार का उपग्रह बनाने से लेकर स्वच्छ ऊर्जा के बल पर उपग्रह को अंतरिक्ष में प्रक्षेपित करने तक का काम कर रही हैं।

बेंगलुरु की बेलाटिक्स एरोस्पेस के सह-संस्थापक यशास करनम का कहना है कि उसकी कंपनी ने कई निवेशकों से 30 लाख डॉलर (करीब 21 करोड़ रुपये) जुटा लिए हैं। यह कंपनी इलेक्ट्रिक और नॉन-टॉक्सिक केमिकल के सहारे उपग्रहों को धरती की कक्षा में स्थापित करना चाहती है। वेंचर कैपिटल फंड आइडीएफसी परंपरा बेलाटिक्स के प्री-सीरीज ए राउंड का अग्रणी निवेशक है। कंपनी के सात अन्य निवेशकों में सुमन कांत मुंजाल का पारिवारिक कार्यालय और फिल्म अभिनेत्री दीपिका पादुकोण भी शामिल हैं। सुमन कांत मुंजाल का संबंध हीरो मोटोकॉर्प का संचालन करने वाले अरबपति परिवार से है।

मुंबई की कंपनी कावा स्पेस के एक निवेशक विशेष रंजन ने बताया कि इस कंपनी ने सीड फंड का एक चरण पूरा किया है। उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि इस चरण में कितने का निवेश हुआ है। रंजन स्पेशिएल इन्वेस्ट के मैनेजिंग पार्टनर हैं। कावा स्पेस पृथ्वी का ऑब्जर्वेशन करने वाले उपग्रहों की डिजाइन और उसका परिचालन करने का काम करती है।

एक दर्जन से अधिक स्टार्ट-अप्स उपग्रह, रॉकेट्स और संबंधित सहायक प्रणालियों के विकास का काम कर रहे हैं। भारत में इस क्षेत्र में लगभग सरकार का एकाधिकार है, लेकिन इन कंपनियों ने निजी क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश हासिल किया है। ऑनलाइन स्पेस प्रोडक्ट्स मार्केटप्लेस स्टैटसर्च के सह-संस्थापक नारायण प्रसाद ने बेलाटिक्स की फंडिंग का हवाला देते हुए कहा कि टेक्नोलॉजी में निवेश करने वाली किसी भी वेंचर कैपिटल कंपनी ने स्पेस टेक्नोलॉजी में पहले इतना बड़ा निवेश नहीं किया था। लेक‍िन अब इस प्रकार के न‍िवेश को लेकर न‍िवेशकों में उत्‍साह है।

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