अभी तक नहीं किया है टैक्‍स सेविंग इन्‍वेस्‍टमेंट तो ये विकल्‍प है आपके पास

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  वित्तीय वर्ष 2020-21 खत्म होने वाला है। जिन टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्‍स की पुरानी व्यवस्था चुनी है, उनके लिए टैक्‍स सेविंग इन्वेस्‍टमेंट  पूरा कर लेने की आखिरी तारीख 31 मार्च 2021 है। अगर अभी तक आपने टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट नहीं किया है तो परेशान न हों। कई प्रकार के विकल्प ऐसे हैं, जो आखिरी वक्त पर आपके टैक्स बेनिफिट लेने में मदद कर सकते हैं। ​टैक्स सेविंग FD

एफडी

टैक्स सेविंग एफडी एक निम्न जोखिम मध्यम अवधि विकल्प है। इनकी अवधि पांच वर्ष की होती है और इसे आसानी से बैंक या डाकघर के माध्यम से लिया जा सकता है। लेकिन, रिटर्न की रेट तय होती है और यदि आप किसी अच्छे बैंक में इसे खोलते हैं, तो आपकी पूंजी भी सुरक्षित है। आप अपने निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं।

​पीपीएफ

पीपीएफ मार्केट में उपलब्ध अंतिम क्षणों में किया जाने वाला उत्कृष्ट टैक्स सेविंग टूल है। यह सरकार द्वारा समर्थित छोटी बचत योजना उन निवेशकों का पसंदीदा विकल्प है । पीपीएफ में 500 रुपये जितनी कम राशि से अकाउंट खोला जा सकता है। पीपीएफ, ‘ईईई’ श्रेणी में आता है। इसका अर्थ है कि पीपीएफ में लगाया गया पैसा, उस पर अर्जित ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाला पैसा तीनों टैक्स से रहित होते हैं।

​एनपीएस

यदि आप पहले से ही सेक्शन 80C के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये की निवेश सीमा का लाभ ले चुके हैं, तो आप नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में निवेश करके अभी भी टैक्स में कटौती प्राप्त कर सकते हैं। आप 80CCD के अंतर्गत एनपीएस में निवेश करके 50,000 रुपये का अतिरिक्त डिडक्शन प्राप्त कर सकते हैं। यह डिडक्शन 80C में मिलने वाली डिडक्शन के अतिरिक्त है। एनपीएस में किया गया निवेश आपके 60 वर्ष की उम्र तक (या नियम और शर्तों में तय की गई स्थितियों के अंतर्गत) पहुंचने से पहले नहीं निकाला जा सकता है।

एनएससी

नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट यानी एनएससी लेकर भी टैक्स बेनिफिट क्लेम कर सकते हैं। NSC में निवेश को आयकर कानून के सेक्शन 80C के तहत टैक्स रिबेट प्राप्त है। NSC को सिंगल या ज्वॉइंट में, 10 साल से अधिक उम्र के नाबालिग द्वारा, नाबालिग के नाम पर वयस्क द्वारा, दिमागी रूप से कमजोर व्यक्ति के नाम पर उसके अभिभावक द्वारा खरीदा जा सकता है। NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है और इस पर मौजूदा सालाना ब्याज दर 6.8 फीसदी है।

​हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी

हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर भी टैक्स बेनिफिट पाया जा सकता है। व्यक्ति या HUF सेक्‍शन 80D के तहत अपने, पति/पत्नी और निर्भर बच्चों के मेडिकल इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम पर अधिकतम 25 हजार रुपये (सीनियर सिटीजन करदाता के मामले में 50 हजार रुपये) तक के टैक्स डिडक्शन का लाभ ले सकते हैं। इस सीमा के ऊपर अगर करदाता 60 साल से कम उम्र के माता-पिता के लिए मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम और/या मेडिकल खर्चों का वहन कर रहा है तो उसे 25 हजार रुपये का अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन मिलेगा। इसके अलावा कोई व्यक्तिगत करदाता सेक्शन 80D के तहत प्रिवेंटिव हेल्थ चेक-अप पर हुए खर्च के लिए 5 हजार रुपये का क्लेम भी कर सकता है लेकिन यह उपरोक्त खर्च सीमा के भीतर ही होगा। अगर किसी टैक्सपेयर और उसके पेरेटेंस दोनों की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा है तो इस सेक्शन के तहत इंश्योरेंस प्रीमियम के जरिए अधिकतम 1 लाख रुपये तक की टैक्स छूट पाई जा सकती है।

​ये विकल्प भी

टैक्सपेयर्स जीवन बीमा पॉलिसी म्यूचुअल फंड्स की टैक्स सेविंग स्कीम्स और रिटायरमेंट प्लान्स, 10 साल से कम उम्र की बच्ची के लिए सुकन्या समृद्धि स्कीम (SSY) के तहत खाता खुलवाकर भी आखिरी वक्त पर टैक्स सेविंग कर सकते हैं।

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