रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) राइट्स इश्यू के माध्यम से पैसे जुटाने पर विचार कर रही है। बाजार पूंजीकरण के लिहाज से देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज कर्जमुक्ति के लिए राइट्स इश्यू लाने की सोच रही है। इस पर अंतिम निर्णय 30 अप्रैल 2020 को बोर्ड मीटिंग के दौरान होगा। इसकी जानकारी आरआईएल ने स्टॉक एक्सचेंज की दी। बोर्ड बैठक में मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स के आधार पर इक्विटी शेयर जारी करने के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।
डिविडेंड पर विचार
इस संदर्भ में आरआईएल ने शेयर बाजारों को कहा है कि गुरुवार को होने वाली बोर्ड बैठक में 31 मार्च 2020 को समाप्त हुई चौथी तिमाही के स्टैंडअलोन और कंसोलिडेटिड वित्तीय परिणामों को भी मंजूरी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त रिलायंस के शेयरधारकों को दिए जाने वाले डिविडेंड पर भी विचार किया जाएगा। आदि बातों का निर्णय आने वाले गुरूवार को होन वाली मिटिग में लिया जाएगा।
23 लाख शेयर
हालांकि अभी , रिलायंस ने राइट्स इश्यू के साइज और अन्य जानकारी शेयर बाजारों को नहीं दी है। ज्ञात हो कि वर्तमान समय में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में रिलायंस के 23 लाख शेयर हैं। इन शेयरों में से आधे शेयर मुकेश अंबानी और उनके परिवार के पास हैं। मंगलवार सुबह 11.40 बजे बीएसई पर कंपनी का शेयर 27.80 अंक यानी 1.94 फीसदी की गिरावट के साथ 1402.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इस दौरान कंपनी का बाजार पूंजीकरण 8,89,276.22 लाख करोड़ रुपये था। अब देखना है कि रिलायंस कितने शेयरों और किमत के माध्यम से राइट्स इश्यू लाने वाली है।
3.5 लाख करोड़ का कर्ज
उल्लेखनीय है कि रिलायंस पर इस समय करीब 3.5 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। पिछले साल अगस्त में मुकेश अंबानी ने कहा था कि उनकी कंपनी 18 महीने यानी मार्च 2021 तक पूरी तरह से कर्जमुक्त हो जाएगी। इसके लिए राशि जुटाने की दिशा में कंपनी हरसंभव प्रयास कर रही है। शायद इसी दिशा में कंपनी द्वारा किया जा रहा यह प्रयास है।
29 साल बाद
जनकारी के अनुसार इस महीने की शुरुआत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड ने नॉन-कन्वर्टेबल डिबेंचर (एनसीडी) के जरिए 25 हजार करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और अब कंपनी 29 साल बाद राइट इश्यू के जरिए सार्वजनिक रूप से धन जुटाने की योजना बना रही है। साल 1991 में रिलायंस ने कन्वर्टेबल डिबेंचर्स के जरिए धन जुटाया था और बाद में इन डिबेंचर्स को 55 रुपये की दर से इक्विटी शेयर में बदल दिया था। इसी कड़ी में किया जा रहा यह प्रयास लगा रहा है। जो कंपनी राइट इश्यू के माध्यम से करने जा रही है।
राइट्स इश्यू किसे कहते हैं
गौरतलब है कि पूंजी जुटाने के लिए शेयर बाजारों में सूचीबद्ध कंपनियां राइट्स इश्यू लाती हैं। राइट्स इश्यू के जरिए कंपनियां अपने मौजूदा शेयरधारकों को ही अतिरिक्त शेयर खरीदने के लिए मंजूरी देती हैं। शेयरधारक एक निश्चित अनुपात में शेयर खरीद सकते हैं, जो कंपनी तय करती है। यानी शेयरधारक कंपनी की ओर से तय अवधि में राइट्स इश्यू के तहत शेयर खरीद सकते हैं। हालांकि इसके जरिए कंपनी के मालिकाना हक पर कोई असर नहीं पड़ता है। इसके माध्यम से कंपनी अपने कुछ शेयर की बिकवाली करती है जिससे उसे अवश्यकता अनुसार पैसे की पूर्ती हो जाए।
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