कंपनियां कोरोना वायरस के प्रभाव से धीरे-धीरे बाहर निकलते जा रही है। कंपनिया 2021 में नई नयुक्तियां करने और कर्मचारियों को अच्छा मेहनताना देने को लेकर आगे बढ़ रही है। कोरोना वायरस के कारण भारतीय रोजगार परिदृष्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। कंपनियों के लिये उनके कर्मचारियों द्वारा घर से काम करना और दूर रहकर भी दफ्तर पर काम करने की नई व्यवस्था सामान्य बनते जा रही है। पेशेवरों के लिये आनलाइन कामकाज और डिजिटल कौशल कंपनियों की सोच के केन्द्र में आ गया हैं।
व्यवस्था को चलाने में आनलाइन कार्य की महत्वपूर्ण भूमिका बन गई है। वर्ष 2020 में ज्यादातर कंपनियों को अपनी नियुक्ति की योजना को नये सिरे से तैयार करना पड़ा। कोरोना वायरस के कारण आर्थिक परिवेश अनिश्चित बन गया। यात्रा, पर्यटन, होटल, खुदरा कारोबार, उड्डयन, रियल एस्टेट, निर्माण और आटोमोबाइल उद्योग इस दौरान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। हालांकि वर्ष के उत्तरार्घ में आटोमोबाइल और खुदरा कारोबार की स्थिति में बहुत कुछ सुधार देखने को मिला है । कंपनियां अपनी नियुक्ति योजना को लेकर लगातार सतर्क बनी हुई हैं और नये साल के दौरान उनकी इस योजना पर इसकी झलक दिखाई देने लगी है। विशेषाज्ञों का कहना है कि बाजार में सकारात्मक संकेत हैं और करीब करीब सभी उद्योगों में नियुक्तियों के लेकर वृद्धि का रुख दिखाई देता है। उल्लेखनीय है कि लॉकडाउन के दिनों के मुकाबले रोजगार के अवसरों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। दिवाली के बाद जयादातर कंपनियों में वेतन कटौती समाप्त हो गई है और कुछ में बोनस का भी भुगतान किया गया है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कुछ कंपनियों ने तो कर्मचारियों की समय से पहले वेतन वृद्धि की भी घोषणा की है। मैनपॉवर समूह रोजगार परिदृश्य के ताजा सर्वेक्षण में कहा गया है कि कार्पोरेट इंडिया में सुधार के मजबूत संकेत दिखाई दे रहे हैं। कंपनियां 2021 के पहले तीन माह में दिसंबर तिमाही के मुकाबले अधिक लोगों को रोजगार देने की योजना बना रही हैं।