भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 7 अप्रैल 2021 को खत्म हो गई। 5 अप्रैल से शुरू हुई इस बैठक पर आज RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने फाइनल घोषणा कर दी । आरबीआई ने मौद्रिक नीति पाॅलिसी में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। RBI ने रेपो रेट को स्टेबल रखा है। यह पहले की तरह 4% पर बरकरार है। वर्तमान में RBI का रेपो रेट 4% है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.5% है। नए वित्त वर्ष (FY 2021-22) की यह पहली MPC बैठक रही।
मौद्रिक नीति?
मौद्रिक नीति के आधार पर बाजार में मुद्रा की आपूर्ति को नियंत्रित किया जाता है। मौद्रिक नीति तय करती है कि रिजर्व बैंक किस दर पर बैंकों को कर्ज देगा और किस दर पर उन बैंकों से वापस पैसा लेगा। मौद्रिक नीति को भारतीय रिजर्व बैंक अपने केन्द्रीय बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर तय करता है। इस बोर्ड में जानेमाने अर्थशास्त्री, उद्योगपति और नीति निर्माता शामिल होते हैं।
रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर रिजर्व बैंक SBI समेत दूसरे बैंकों को कम समय के लिए कर्ज देता है। अगर इसमें कटौती होती है तो बैंकों को RBI को कम ब्याज देना होता है। इसका असर आपकी EMI पर भी पड़ता है। अगर रिजर्व बैंक रेपो रेट बढ़ाता है तो बैंकों के लिए उसे कर्ज लेना महंगा हो जाता है। इससे होम लोन कार लोन समेत अन्य लोन की ब्याज दरें बढ़ जाती हैं। वहीं, वर्तमान में RBI का रेपो रेट 4% है जबकि रिवर्स रेपो रेट 3.5% है। रिवर्स रेपो रेट वह दर है जो RBI बैंकों को ब्याज के तौर पर देता है। इस प्रकार रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट के आधार पर ही रिजर्व बैंक कर्ज का लेन देन करता है।