भोपाल। दिल्ली में रहने वाले रमेंश का व्यापार आचानक बंद होने के कारण उसकी आय बंद हो गई। जिसका असर उसके परिवार पर भी पड़ उन्हें कई प्रकार की वित्तीय परेशानी का सामना करना पड़ा। ये हालात बेशक अभी रमेंश और उनके परिवार को झेलने पड़े, लेकिन ऐसी स्थिति किसी भी नौकरीपेशा या व्यापारी के सामने आ सकती है। ऐसे में इन हालातों से निपटने के लिए सभी को हमेशा तैयार रहना चाहिए। अगर आप भी नौकरीपेशा हैं, तो यहां हम आपको बता रहे हैं 67:33 के फॉर्मूले के बारे में। अगर आपने इसे ठीक से समझकर अप्लाई कर लिया, तो इस तरह की कठिन स्थितियों में भी आपके घर के आर्थिक हालात जल्दी खराब नहीं होंगे।
67:33 का फॉर्मूला क्या हैं
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स की मानें तो 67:33 का ये फॉर्मूला बहुत काम कहा है। इस फॉर्मूले को अप्लाई करने के लिए आपको अपनी कमाई के दो हिस्से करने होंगे। ये हिस्से 67:33 के रेश्यो में होंगे। इसमें से 33% वाले हिस्से की आपको बचत करनी चाहिए और इसकी मदद से अपने और परिवार के लिए इमरजेंसी फंड तैयार करना चाहिए। उदाहरण के लिए- अगर आप 50,000 रुपए महीने कमाते हैं तो आपको अपनी सैलरी को 33,500 रुपए और 16,500 रुपए के हिस्सों में बांटना होगा। इसमें से 16,500 रुपए आपको बचत के तौर पर निकालने होंगे।
इमरजेंसी फंड बनाएं
फाइनेंशियल एक्सपर्ट दीप्ति भार्गव कहती हैं आमतौर पर छह महीने का इमरजेंसी फंड बनाने के लिए कहा जाता है, लेकिन आपको कम से कम 1 वर्ष के लिए इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए। ये फंड आपके एक वर्ष के मासिक खर्च के बराबर होना चाहिए। अगर आपके घर का मासिक खर्च 35 हजार रुपए है, तो आपके पास 4,20,000 रुपए इमरजेंसी फंड के तौर पर होने चाहिए। मुश्किल समय में आपके पास जितना पैसा हो, उतना आपके लिए अच्छा है।
इमरजेंसी फंड शीघ्र बनेगा
नौकरी के शुरुआती समय में बचत के पैसों से पहले खुद के लिए इमरजेंसी फंड बनाने पर ज्यादा फोकस करें। इसके अलावा अगर आपको नौकरी के दौरान इन्सेंटिव मिलता है या किसी तरह का बोनस का पैसा अकाउंट में आता है, तो उसे खर्च करने की बजाय इमरजेंसी फंड में डाल दें। 12 महीने का इमरजेंसी फंड बनने के बाद आप इसे अपने सेविंग्स अकाउंट में जमा कर सकते हैं या फिर ज्यादा रिटर्न पाने के लिए फंड के 50 प्रतिशत हिस्से को लिक्विड फंड्स या किसी अन्य जगह पर निवेश कर सकते हैं।