मुख्यमंत्री डॉ. यादव की लुलु समूह के निदेशक सलीम से वन-टू-वन चर्चा

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मध्यप्रदेश में खाद्य एवं प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना के लिए दिया आमंत्रण

भोपाल : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की दुबई निवेश यात्रा के दूसरे दिन एक महत्वपूर्ण बैठक में लुलु ग्रुप इंटरनेशनल के निदेशक श्री सलीम एम.ए. से वन-टू-वन चर्चा हुई। यह बैठक दोनों पक्षों के लिए निवेश और साझेदारी के नए द्वार खोलने वाली रही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस अवसर पर मध्यप्रदेश में एक अत्याधुनिक “खाद्य एवं कृषि-प्रसंस्करण केंद्र” की स्थापना के लिए आमंत्रण दिया, जो फल, सब्ज़ियां, मसाले और अनाज जैसे उत्पादों को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ सके।

खुदरा व्यापार और हाइपरमार्केट स्थापना पर चर्चा

मुख्यमंत्री ने बैठक में बताया कि मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर जैसे प्रथम और द्वितीय श्रेणी के शहरों में लुलु ग्रुप की ओर से आधुनिक खुदरा बिक्री केंद्र (Retail Outlets) और विपणन केंद्र (Hypermarket Chains) की स्थापना अत्यधिक लाभकारी होगी। यह राज्य के शहरी उपभोक्ताओं को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ, राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा।

इंदौर-निमाड़ क्षेत्र में Fresh Produce Hub की संभावना

बैठक में विशेष रूप से इंदौर और निमाड़ क्षेत्र में ताजा उद्यानिकी एवं कृषि उत्पाद एकत्रीकरण और वितरण केंद्र (Fresh Produce Aggregation & Distribution Hub) की संभावना पर चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि इन क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति, उपज और लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी इसे एक आदर्श केंद्र बनाती है।

लॉजिस्टिक्स और कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर पर साझेदारी

बैठक में मप्र औद्योगिक विकास निगम (MPIDC) और एमपी एग्रो के सहयोग से कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट जैसे क्षेत्रों में लुलु समूह की भागीदारी पर भी गहन चर्चा हुई। यह सहयोग प्रदेश में रोजगार सृजन, कृषि मूल्य वर्धन और निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक होगा।

वैश्विक निवेशक लुलु समूह से मजबूत भागीदारी की उम्मीद

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “लुलु जैसे वैश्विक निवेशकों की भागीदारी से मध्यप्रदेश को खाद्य और कृषि क्षेत्र में वैश्विक बाजार से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा।” लुलु समूह ने भी राज्य सरकार की उद्योग अनुकूल नीतियों और दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए, निवेश और सहयोग की गहरी रुचि व्यक्त की।


📌 निष्कर्ष:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल न केवल विदेशी निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि मध्यप्रदेश को फार्म-टू-फोर्क (Farm-to-Fork) मॉडल में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने में मदद करेगी। इससे लाखों किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को समान रूप से लाभ पहुंचेगा।

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