फिच ने भारत का जीडीपी ग्रोथ अनुमान बढ़ाया: अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव सीमित, घरेलू मांग और निवेश से मजबूती
सकारात्मक आर्थिक परिदृश्य के बीच वैश्विक चुनौतियों का सामना
नई दिल्ली: वैश्विक रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ने 10 सितंबर 2025 को भारत के लिए वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 6.5% से बढ़ाकर 6.9% कर दिया है। यह संशोधन भारत की मजबूत घरेलू मांग और निवेश गतिविधियों को दर्शाता है, जबकि अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को सीमित माना गया है।
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि का मुख्य इंजन घरेलू खपत और निजी क्षेत्र का निवेश बना हुआ है। बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में वृद्धि और विनिर्माण क्षेत्र में सुधार ने इस अनुमान को बल दिया। अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ, जो अगस्त 2025 से प्रभावी हैं, से निर्यात पर मामूली दबाव पड़ सकता है, लेकिन फिच का मानना है कि यह जीडीपी को केवल 0.2-0.3% तक प्रभावित करेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि घरेलू मांग की मजबूती इस झटके को संतुलित करेगी।
वैश्विक संदर्भ और चुनौतियाँ
अमेरिकी टैरिफ का असर मुख्य रूप से श्रम-गहन क्षेत्रों जैसे वस्त्र और रत्न-आभूषण पर पड़ा है, लेकिन भारत सरकार ने 40 देशों के साथ नए व्यापार समझौतों की योजना बनाई है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति नियंत्रण में रहने और मौद्रिक नीति के समर्थन से आर्थिक स्थिरता बनी हुई है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं जोखिम पैदा कर सकती हैं।
सरकारी प्रतिक्रिया और भविष्य
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस अनुमान को भारत की आर्थिक नीतियों की सफलता बताया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूत करने का आह्वान किया। फिच का यह अनुमान भारत को उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बनाता है, लेकिन दीर्घकालिक वृद्धि के लिए निवेश और नवाचार पर ध्यान देना जरूरी होगा।
निष्कर्ष
फिच का नया अनुमान भारत की आर्थिक प्रगति का प्रमाण है। अमेरिकी टैरिफ के बावजूद, घरेलू शक्ति और नीतिगत समर्थन भारत को विकास के पथ पर अग्रसर रखेंगे।