मारुति का 30 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा, बाजार में अभूतपूर्व उछाल
भोपाल: केंद्र सरकार द्वारा छोटी कारों पर जीएसटी में हालिया कटौती ने ऑटोमोबाइल उद्योग में ऐतिहासिक उछाल ला दिया है। देश की शीर्ष तीन कार निर्माता कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया, और टाटा मोटर्स ने एक ही दिन में 51,000 कारों की बिक्री दर्ज की, जो मारुति के 30 साल पुराने एकल-दिवसीय बिक्री रिकॉर्ड को तोड़ने वाला आंकड़ा है। जीएसटी कटौती के बाद छोटी कारों की कीमतें चार साल पहले के स्तर पर आ गई हैं, जिससे उपभोक्ताओं में कार खरीदने का उत्साह चरम पर है।
जीएसटी कटौती का जादू
केंद्र सरकार ने हाल ही में 1,200 सीसी से कम पेट्रोल इंजन और 1,500 सीसी से कम डीजल इंजन वाली कारों पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% कर दिया। इसके साथ ही कुछ मॉडलों पर सेस में भी कमी की गई। इस नीतिगत बदलाव के परिणामस्वरूप, छोटी कारों की कीमतें लगभग 50,000 से 1 लाख रुपये तक कम हो गई हैं। उदाहरण के लिए, मारुति ऑल्टो, स्विफ्ट, और हुंडई ग्रैंड i10 जैसे मॉडल अब 4 लाख रुपये से कम की शुरुआती कीमत पर उपलब्ध हैं, जो 2021 के स्तर के बराबर है।
मारुति का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन
मारुति सुजुकी, जो भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी है, ने इस बिक्री उछाल में 30,000 से अधिक कारें बेचकर नेतृत्व किया। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा, “यह हमारे लिए ऐतिहासिक क्षण है। हमारा 30 साल पुराना एकल-दिवसीय बिक्री रिकॉर्ड टूट गया है। जीएसटी कटौती ने ग्राहकों का विश्वास बढ़ाया है।” हुंडई मोटर इंडिया ने 12,000 कारें और टाटा मोटर्स ने 9,000 कारें बेचीं, जो इस बात का प्रमाण है कि बाजार में मांग सभी ब्रांडों के लिए बढ़ रही है।
उपभोक्ता उत्साह और बाजार की गतिशीलता
जीएसटी कटौती का असर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। दिल्ली के एक कार डीलर, अनिल मेहता ने बताया, “पिछले कुछ वर्षों में बढ़ती कीमतों ने ग्राहकों को कार खरीदने से रोका था। अब, किफायती कीमतों के कारण शोरूम में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है।” विशेष रूप से छोटी कारें, जो अपनी ईंधन दक्षता और कम रखरखाव लागत के लिए जानी जाती हैं, पहली बार कार खरीदने वालों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं।
ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए नई संभावनाएं
ऑटोमोबाइल विशेषज्ञों का मानना है कि यह बिक्री उछाल न केवल छोटी कारों के लिए बल्कि संपूर्ण ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए कंपनियां उत्पादन बढ़ाने और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने की योजना बना रही हैं। साथ ही, इस उछाल से ऑटोमोबाइल क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा होने की उम्मीद है।
चुनौतियां और भविष्य की दिशा
हालांकि, कच्चे माल की बढ़ती लागत और सेमीकंडक्टर की कमी जैसी चुनौतियां अभी भी उद्योग के सामने हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनियों को इनका सामना करने के लिए रणनीतिक योजना बनानी होगी। फिर भी, जीएसटी कटौती ने बाजार में जो उत्साह पैदा किया है, वह दीर्घकालिक लाभ का संकेत देता है।
जीएसटी कटौती ने न केवल छोटी कारों की कीमतों को किफायती बनाया है, बल्कि ऑटोमोबाइल उद्योग में एक नया इतिहास भी रचा है। टॉप-3 कंपनियों की इस अभूतपूर्व बिक्री ने बाजार में नई ऊर्जा का संचार किया है, और उपभोक्ताओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।