रीवा और शहडोल संभाग में पर्यटन को मिली नई उड़ान: ₹3000 करोड़ से अधिक का इंटेंशन ऑफ इन्वेस्ट प्राप्त
दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खुलेंगे
रीवा रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव में पर्यटन क्षेत्र के लिए एक नई सुबह का आगाज़ हुआ है। आज पर्यटन श्रेत्र में प्रमुख निवेशकों ने रीवा और शहडोल संभाग में ₹3000 करोड़ से अधिक के निवेश की इच्छा जताकर इन क्षेत्रों में पर्यटन के विकास की अपार संभावनाओं को रेखांकित किया है। यह ऐतिहासिक पल दोनों संभागों के लिए आर्थिक समृद्धि और रोजगार के नए द्वार खोलेगा। कॉन्क्लेव में निवेशकों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
फ्लाईओला के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राम ओला ने ₹700 करोड़ के सबसे बड़े निवेश की मंशा जताई, जो इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर पर्यटन परियोजनाओं की शुरुआत का संकेत है। आरसीआरसीपीएल और विंध्य प्राइड के श्री दिव्यांश सिंह बघेल ने 500 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई।, इसी क्रम में श्री अमित दिग्विजय सिंह ने ₹500 करोड़ और संदड़िया बिल्डर्स के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री अजीत संदड़िया ने ₹300 करोड़ के निवेश का इरादा व्यक्त किया।
इसके अतिरिक्त, जंगल कैंप इंडिया के गजेंद्र सिंह राठौर ने ₹150 करोड़, श्री गौरव प्रताप सिंह और श्री पुष्पराज सिंह ने ₹100-100 करोड़, राजस्थान फोर्ट एंड पैलेस के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री मानवेंद्र सिंह शेखावत ने हेरिटेज प्रॉपर्टी को विकसित करने के लिए 100 करोड़ रूपये, इको पार्क के श्री अनुज और विजय तिवारी ने ₹80 करोड़, तथास्तु रिसॉर्ट के श्री अनिल अग्रवाल ने ₹150 करोड़, श्री सिद्धार्थ सिंह तोमर ने ₹15 करोड़, सिद्धिविनायक कंस्ट्रक्शन के श्री वैभव सिंह कौरव ने ₹10 करोड़ और श्री कैलाश फुलवानी ने ₹5 करोड़ के निवेश की इच्छा जताई है।
यह निवेश रीवा और शहडोल संभाग की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत को विश्व पटल पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। सरकार निवेशकों को हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी ताकि इन परियोजनाओं को सफलतापूर्वक साकार किया जा सके। इस महत्वपूर्ण पहल से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और हजारों लोगों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे, जिससे यह क्षेत्र पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।