जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद अब सरकार रोजगार को बढ़ाने के लिए सबसे पहले मेगा फूड पार्क स्थापित करेगी। इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने पूरी तैयारी कर ली है।
अनुच्छेद 370 के प्रावधानों के हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में अब आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी। सरकार अब मेगा फूड पार्क स्थापित करेगी। खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है। इसके साथ ही इंडस्ट्री चैंबर्स भी वहां अपने कार्यालय खोलने जा रहे हैं। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) भी जम्मू-कश्मीर में डेयरी उद्योग को विकसित करेगा। जो कि अमूल नाम से दूध की सप्लाई करता है।
सूत्रों का कहना है कि, सरकार सबसे पहले जम्मू-कश्मीर में मेगा फूड पार्क प्रॉजेक्ट की स्थापना करेगी। इससे वहां रोजगार के अवसरों में बढ़ोंतरी होगी। एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, फूड पार्क योजना का मूल उद्देश्य होता है कि किसानों, प्रसंस्करण कर्ताओं के साथ रिटेल कारोबारियों को एकसाथ लाते हुए ऐग्रिकल्चरल प्रॉडक्ट को मार्केट से जोड़ने के लिए एक मशीनरी उपलब्ध कराना। इससे किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा।
इंडस्ट्री चैंबर के कार्यालय होगे स्थापित
इंडस्ट्री चैंबर जैसे ऐसोचैम, फिक्की और सीआईआई भी जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यालय खोलने की तैयारी कर रहे हैं। चैंबर्स जम्मू-कश्मीर में अपना ऑफिस खोलकर वहां पर निवेश की संभावनाओं को तलाशेंगे। इसके बाद निवेश की योजनाओ की रणनीति बनाते हुए जम्मू-कश्मीर में निवेश को बढ़वा देने के लिए प्रयास करेंगे।
इस बारे में इंडस्ट्री चैंबर एसोचैम के प्रेसिडेंट बी के गोयनका का कहना है कि सरकार ने अब एक देश, एक संविधान की अवधारणा को साकार कर दिया है। ऐसे में इंडस्ट्री चैंबर भी जम्मू-कश्मीर के विकास में अपना सहयोग करेंगे। हम सबसे पहले वहां पर अपने कार्यालय स्थापित करेंगे। इंडस्ट्री चैंबर टूरिज्म, रियल एस्टेट, हैंडीक्रॉफ्ट और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश की संभावनाओं को तलाशेंगे। ताकि स्थानीय लोगों के लिए अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। इससे जम्मू-कश्मीर का विकास होगा और वहा खुशहाली आएगी।
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