सीतारमण के दूसरे बजट की लोग बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था सुस्ती के दौर से गुजर रही है। सरकार की ओर से जारी पहले अनुमान में चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी ग्रोथ पांच फीसद के आसपास रहने का अनुमान जताया गया है।
हलुआ समारोह क्यों मनाते हैं
उल्लेखनीय है कि भारतीय संस्कृति में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत मीठे से होती है। ऐसे में काफी लंबे समय से बजट के प्रकाशन की शुरुआत से पहले बड़ी सी कड़ाही में हलवा बनाने की परंपरा है। इस कार्यक्रम में वित्त मंत्री खुद हिस्सा लेते हैं। वित्त मंत्री, जूनियर मंत्री सहित बजट बनाने की प्रक्रिया में शामिल सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों में यह हलवा बांटा जाता है। यह सांकेतिक प्रक्रिया है, जिससे पता चलता है कि बजट बनाने का काम अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है।
हलवा कार्यक्रम के बाद
हलवा कार्यक्रम इसलिए भी अहम होता है कि इस समारोह के बाद बजट बनाने एवं प्रकाशन से जुड़े अधिकारी एवं कर्मचारी बजट पेश होने तक मंत्रालय के कार्यालय में ही रहते हैं। अधिकारी एवं कर्मचारी तय मोबाइल फोन के जरिए ही अपने परिवार के सदस्यों के साथ संपर्क कर सकते हैं। बजट दस्तावेजों की गोपनीयता को लेकर ऐसा किया जाता है। इसलिए हलवा कार्यक्रम बजट को बहुत ही अहम हिस्सा माना जाता है ।
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