बजट के बाद रिज़र्व बैंक ने पहली बार मॉनिटरी पॉलिसी की समीक्षा में रीपो और रिवर्स रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया। इसके चलते फिलहाल लोन और सस्ते नहीं होंगे। हालांकि इससे मायूस होने की जरूरत नहीं है। RBI ने ब्याज दरों में आगे कटौती करने की गुंजाइश रखी है। जो समय के साथ संभव हो सकती है।
इस बारेे में RBI का कहना है कि अगली तिमाही से महंगाई में तेजी से गिरावट संभव है। महंगाई और बढ़ने की उम्मीद नहीं है। बैंकिंग सिस्टम में पर्याप्त लिक्विडिटी रखेंगे। ऐसे में आगे RBI रेट्स में कटौती कर सकता है, जिससे लोन के और सस्ते होने के रास्ते खुलेंगे। यही कारण है कि RBI ने अपना रुख अकॉमडेटिव रखा है। इसका मतलब है कि जैसे ही ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश बनेगी, RBI कटौती करेगा। RBI ने रीपो रेट पहले की तरह बिना किसी बदलाव के 5.15 पर्सेंट पर रखा है। RBI ने लगातार 5 बार रीपो रेट घटाकर उसमें कुल 1.35 पर्सेंट की कटौती की है।
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