देशभर में 20 अप्रैल से लगभग 45 प्रतिशत अर्थव्यवस्था अपना काम करना फिर से शुरू कर देगी। लॉकडाउन का दूसरा फेज शुरू हो गया है यह 3 मई तक चलेगा। इसको लेकर सरकार ने भी नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके बाद अब 20 अप्रैल से कई सेक्टर्स में फिर से काम शुरू हो जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने जिन सेक्टर्स में काम शुरू करने की इजाजत दी है। उनमें 65 फीसदी लोग काम करते हैं। माना जा रहा है कि इस छूट से करीब 45 फीसदी अर्थव्यवस्था में काम शुरू हो जाएगा। ऐसे में देश की जीडीपी विकास दर में जारी गिरावट कुछ में कमी आएगी।
सूत्रों के अनुसार , देश की कुल जीडीपी में 34.64 फीसदी योगदान एग्रीकल्चर सेक्टर का है। ऐसे में सरकार की ओर से फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज, वेयरहाउस सर्विस, मछलियों का खाना, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग, कॉमर्शियल एक्वेरियम, मत्स्य उत्पाद, फिश सीड, चाय, कॉफी, रबर, काजू की प्रोसेसिंग, पैकेजिंग, दूध का कलेक्शन, प्रोसेसिंग, मक्का की मैन्युफैक्चरिंग और डिस्ट्रिब्यूशन का काम शुरू होने की उम्मीद है।
कृषी को होगा लाभ
लॉकडाउन 2.0 में खेती और जुड़ी सेवाएं को शुरू करने से 50 फीसदी लोगों को काम मिलेगा क्योंकि आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर करती है। मौजूदा समय में सरकार रबी फसल की खरीदारी कर रही हैं। इससे किसानों के पैसा आएगा तो खरीदारी बढ़ेगी जो पूरी अर्थव्यवस्था के लिए बेहतर होगा। हालांकि, किसानों को हुए नुकसान की भरपाई का कोई रास्ता नज़र नहीं आ रहा है। जिसकों लेकर सरकार अभी भी चिंताग्रत दिखाई दे रही है।
IT ऑफिस खुलेगे
इसके अलावा सरकार ने डेटा, कॉल सेंटर और आईटी ऑफिस खोलने के लिए मंजूरी दी है। साथ ही इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, कारपेंटर, कुरियर, डीटीएच और केबल सेवा देने वाले कर्मी भी अपनी सेवाएं शुरू कर पाएंगे। जरूरी सामान बनाने वाली इंडस्ट्री जैसे चिकित्सा उपकरण, आईटी हार्डवेयर, खनन, जूट उद्योग से जुड़ी कंपनियों भी उत्पादन शुरू कर सकती है। रिपोर्टस के मुताबिक, जीडीपी में इनका योगदना 16.57 फीसदी है।
रिटेल दुकाने खुलेगी
रिटेल की दुकानों को लॉकडाउन 2.0 में छूट मिलने से सबसे ज्यादा फायदा पास को लेकर होगा। इससे पास लेना जरूरी नहीं रह जाएगां। इससे देशभर में करीब 20 से 25 लाख दुकानें खुल जाएंगी वहीं, ई-कॉमर्स को छूट देने से कोरोना फैलने का खतरा बढ़ेगा।
रियल एस्टेट में काम शुरू होगा
रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर भी सरकार ने राहत दी है। रियल एस्टेट प्रोजेक्ट और सभी इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन शुरू करने की मंजूरी मिल गई है। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में भी सिर्फ उन्हीं को कंस्ट्रक्शन करने की छूट है, जहां साइट पर ही मजदूर उपलब्ध हैं। इससे प्रवासी कामगारों पर मंडरा रहा रोजगार का संकट काफी हद तक टल सकता है। आपको बता दें कि रियल एस्टेट सेक्टर का देश की जीडीपी में 7.74 फीसदी योगदान हैं। शर्तो के साथ काम शुरू होने से रियल एस्टेट के मजदूरों को राहत मिलेगी।
लॉकडाउन में इन क्षेत्रों को राहत मिलने से कई लोगों को अपने रोजगार पर फिर से लोटने को मौका मिलेगा जिससे निश्चित ही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में मदद मिलेगी।
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