सरकार ने 31 जनवरी, 2021 तक लंबित आवेदनों के निपटान को लेकर अंतरिम बोर्ड का गठन किया था
वित्त मंत्रालय का कहना है कि करदाता आयकर निपटान आयोग (ITSC) के स्तर पर लंबित कर मामलों के निपटान को लेकर अंतरिम निपटान बोर्ड के समक्ष 30 सितंबर तक आवेदन कर सकते है। आयकर अधिनियम में संशोधन किया गया है। वित्त अधिनियम, 2021 के तहत आयकर कानून, 1961 के प्रावधानों में संशोधन किया गया है। इसके तहत यह संशोधन किया गया कि ITSC एक फरवरी, 2021 से काम करना बंद कर देगा। इसके अलावा, इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि निपटान के लिए एक फरवरी या उसके बाद कोई आवेदन दायर नहीं किया जा सकता है। एक फरवरी को ही वित्त विधेयक, 2021 को लोकसभा के समक्ष रखा गया था। सरकार ने 31 जनवरी, 2021 तक लंबित आवेदनों के निपटान को लेकर अंतरिम बोर्ड का गठन किया था। लंबित मामलों में करदाताओं के पास यह विकल्प होता है कि वे निर्दिष्ट समय के भीतर अपने आवेदन वापस ले सकते हैं और इसके बारे में आकलन अधिकारी को सूचित कर सकते हैं।
वित्त मंत्रालय के अनुसार इसके बाद, मंत्रालय को कई आवेदन प्राप्त हुए थे कि एक फरवरी की स्थिति के अनुसार कई करदाता आईटीएससी के समक्ष मामलों के निपटान के लिए अपना आवेदन जमा करने के मामले में काफी आगे बढ़ चुके थे। इसके साथ ही, कुछ करदाताओं ने उच्च न्यायालयों में आवेदन देकर अनुरोध किया है कि निपटान के लिए उनके आवेदन स्वीकार किए जाएं। कुछ केसों में, उच्च न्यायालयों ने अंतरिम राहत दी है और एक फरवरी 2021 के बाद भी निपटान के आवेदनों को स्वीकार करने का दिशा-निर्देश दिया हैं।
मंत्रालय का एक घोषणा में कहना है कि 31 जनवरी, 2021 की स्थिति के अनुसार आवेदन देने के लिहाज से पात्र लेकिन वित्त अधिनियम, 2021 के तहत ITSC को समाप्त करने के कारण आवेदन नहीं दे सके करदाताओं को राहत देने के लिये कदम उठाया जा रहा है। इसके अनुसार यह निर्णय लिया गया है कि निपटान आवेदन 30 सितंबर, 2021 तक अंतरिम बोर्ड में जमा किये जा सकते हैं। इस संबंध में विधायी संशोधन नियत समय में लाए जाएंगे। इससे अब 30 सितंबर 2021 तक निपटान आवेदन किया जा सकते हैं।