क्योरफूड्स को सेबी से ₹800 करोड़ IPO की मंजूरी: क्लाउड किचन कंपनी का बाजार में डेब्यू, 4.85 करोड़ शेयर OFS से बेचे जाएंगे

12

फ्रेश इश्यू से नई किचन और कर्ज चुकाने पर फोकस, आयरन पिलर और एक्सेल जैसे निवेशक बेचेंगे हिस्सेदारी; FY25 में ₹746 करोड़ रेवेन्यू

क्लाउड किचन सेक्टर की प्रमुख कंपनी क्योरफूड्स इंडिया लिमिटेड को सेबी से अपने प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के लिए मंजूरी मिल गई है। कंपनी ₹800 करोड़ जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल (OFS) शामिल है। OFS में मौजूदा शेयरधारक 4.85 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेंगे, जिसमें आयरन पिलर, एक्सेल इंडिया, क्रिमसन विंटर और चिराटे वेंचर्स जैसे प्रमुख निवेशक शामिल हैं। बेंगलुरु आधारित यह कंपनी, जो ईटफिट, केकजोन, नोमैड पिज्जा, शरीफ भाई बिरयानी और क्रिस्पी क्रीम जैसे ब्रांड चलाती है, जून 2025 में DRHP दाखिल करने के बाद अब बाजार में एंट्री के लिए तैयार है। यह IPO फूड टेक सेक्टर में बढ़ती मांग को भुनाने का प्रयास है, जहां कंपनी FY25 में ₹746 करोड़ का रेवेन्यू हासिल कर चुकी है।

IPO का विवरण: फ्रेश इश्यू और OFS का मिश्रण

क्योरफूड्स का IPO पूरी तरह से बुक-बिल्ट इश्यू होगा, जिसमें ₹800 करोड़ का फ्रेश इश्यू और OFS शामिल है। OFS में 4.85 करोड़ शेयर बेचे जाएंगे, जो मौजूदा निवेशकों को एग्जिट का अवसर प्रदान करेगा। आयरन पिलर PCC सबसे बड़ा विक्रेता है, जो 1.91 करोड़ शेयर बेचेगा, उसके बाद क्रिमसन विंटर के 97.6 लाख, एक्सेल के 45.7 लाख और चिराटे के 36.6 लाख शेयर। क्योरफिट भी 12.8 लाख शेयर बेचेगी। कंपनी प्री-IPO प्लेसमेंट से ₹160 करोड़ जुटाने पर विचार कर रही है, जो फ्रेश इश्यू से घटाया जाएगा।

IPO से जुटाई गई राशि का उपयोग कंपनी के विस्तार पर होगा। इसमें ₹152.5 करोड़ नए क्लाउड किचन स्थापित करने और इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के लिए, ₹126.9 करोड़ कर्ज चुकाने के लिए, ₹14 करोड़ मार्केटिंग पर और बाकी इनऑर्गेनिक ग्रोथ व सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए खर्च होगा। लिस्टिंग BSE और NSE पर होगी।

कंपनी का प्रोफाइल: क्लाउड किचन का उभरता साम्राज्य

2020 में अंकित नागोरी द्वारा स्थापित क्योरफूड्स एक इंटरनेट-ड्रिवन मल्टी-ब्रांड फूड सर्विसेज कंपनी है, जो विविध व्यंजनों पर फोकस करती है। मार्च 31, 2025 तक, कंपनी के पास 70 शहरों और कस्बों में 502 सर्विस लोकेशन्स हैं, जिसमें 5 सेंट्रल किचन, 281 क्लाउड किचन, 99 कियोस्क, 122 रेस्तरां और 13 वेयरहाउस शामिल हैं। इसके ब्रांड पोर्टफोलियो में ईटफिट (हेल्दी मील्स), केकजोन (डेजर्ट्स), नोमैड पिज्जा, शरीफ भाई बिरयानी, ओलियो पिज्जा, फ्रोजन बॉटल, मिलेट एक्सप्रेस और हाल ही में अधिग्रहित क्रिस्पी क्रीम शामिल हैं।

कंपनी डिलीवरी और नॉन-डिलीवरी चैनलों को एकीकृत करती है, और स्विगी-जोमाटो जैसे थर्ड-पार्टी एग्रीगेटर्स पर 82.2% राजस्व निर्भर है। FY25 में रेवेन्यू ₹746 करोड़ रहा, जो FY24 के ₹585 करोड़ से 27% ऊपर है, लेकिन नेट लॉस ₹170 करोड़ रहा। एम्प्लॉयी चर्न रेट 111.73% है, जो चुनौतीपूर्ण है। कंपनी भारत के फूड सर्विस मार्केट (2030 तक ₹12-12.6 लाख करोड़) में अपनी स्थिति मजबूत करने पर फोकस कर रही है।

फंडिंग इतिहास और बाजार परिदृश्य

क्योरफूड्स ने अब तक $250 मिलियन से अधिक फंडिंग जुटाई है, जिसमें दिसंबर 2024 में $40 मिलियन का सीरीज D राउंड शामिल है, जहां शिन्हान ग्रुप और लैंडमार्क ग्रुप नए निवेशक बने। सितंबर 2025 में 3स्टेट वेंचर्स (फ्लिपकार्ट को-फाउंडर बिन्नी बंसल की फर्म) से ₹160 करोड़ प्री-IPO फंडिंग मिली। यह IPO फूड टेक सेक्टर में बढ़ती रुचि को दर्शाता है, जहां प्रतिद्वंद्वी रिबेल फूड्स 2026 में लिस्टिंग की तैयारी कर रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि IPO से कंपनी को विस्तार का बल मिलेगा, लेकिन हाई चर्न, लॉस और एग्रीगेटर निर्भरता चुनौतियां हैं। फिर भी, क्लाउड किचन मार्केट की 30% CAGR से ग्रोथ संभावनाएं मजबूत हैं।

मुख्य बिंदुविवरण
IPO साइज₹800 करोड़ (फ्रेश: ₹800 करोड़, OFS: 4.85 करोड़ शेयर)
प्रमुख विक्रेताआयरन पिलर (1.91 करोड़), क्रिमसन विंटर (97.6 लाख)
फंड यूजक्लाउड किचन विस्तार (₹152.5 करोड़), कर्ज चुकौनी (₹126.9 करोड़)
FY25 रेवेन्यू₹746 करोड़ (27% YoY ग्रोथ)
नेट लॉस (FY25)₹170 करोड़

आंकड़े: DRHP और कंपनी फाइलिंग्स से।

निष्कर्ष

क्योरफूड्स को सेबी की मंजूरी फूड टेक सेक्टर के लिए सकारात्मक संकेत है, जो क्लाउड किचन मॉडल को मुख्यधारा में लाएगी। ₹800 करोड़ के IPO से कंपनी का विस्तार तेज होगा, लेकिन लाभप्रदता पर फोकस जरूरी। निवेशकों के लिए यह हाई-ग्रोथ स्टॉक का अवसर है, लेकिन रिस्क का आकलन करें। यह लिस्टिंग भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूत करेगी।

Leave A Reply

Your email address will not be published.