सोना-चांदी की चमक तेज: इस हफ्ते 8 हजार महंगे हुए, साल भर में गोल्ड को 70% और सिल्वर को 100% रिटर्न
त्योहारी मांग और वैश्विक अनिश्चितताओं से कीमतों में उछाल, निवेशकों के लिए सुनहरा मौका लेकिन सतर्क रहने की सलाह
सोना और चांदी के दामों में इस हफ्ते जबरदस्त तेजी देखी गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोना करीब 8,000 रुपये महंगा होकर 1,30,000 रुपये के आसपास पहुंच गया, जबकि चांदी की कीमत 5,000 रुपये बढ़कर 1.69 लाख रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। यह उछाल त्योहारी सीजन की मांग, अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों और वैश्विक व्यापार तनावों से प्रेरित है। 2025 में अब तक सोने ने निवेशकों को करीब 70% रिटर्न दिया है, जबकि चांदी ने दोगुना से अधिक (100% से ज्यादा) लाभ सुनिश्चित किया है। यह ट्रेंड निवेशकों को आकर्षित कर रहा है, लेकिन विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि लंबी अवधि के लिए ही निवेश करें।
हफ्ते भर का ट्रेंड: तेजी का सिलसिला
सप्ताह की शुरुआत में 13 अक्टूबर को सोना 1,24,155 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास था, लेकिन 18 अक्टूबर तक यह 1,29,584 रुपये तक पहुंच गया। इसी तरह, चांदी 1.45 लाख प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1.50 लाख पर कारोबार कर रही है। यह वृद्धि वैश्विक स्तर पर सोने के दामों के $3,900 प्रति औंस पार करने और चांदी के $50 प्रति औंस के रिकॉर्ड उच्च स्तर को छूने से जुड़ी है। भारत में रुपए की कमजोरी (83.80 प्रति डॉलर) ने भी स्थानीय कीमतों को प्रभावित किया।
एमसीएक्स पर सोने के दिसंबर फ्यूचर्स में 6.5% की तेजी आई, जबकि चांदी के फ्यूचर्स 7.2% ऊपर रहे। त्योहारी सीजन की शुरुआत से ज्वैलर्स में खरीदारी बढ़ी है, जिससे फिजिकल डिमांड मजबूत हुई। हालांकि, सप्ताह के मध्य में हल्की गिरावट आई, लेकिन समग्र रूप से निवेशकों का रुझान सकारात्मक रहा।
साल भर का रिटर्न: चांदी ने सोने को पछाड़ा
2025 की शुरुआत में 10 ग्राम सोना करीब 73,000 रुपये पर था, जो अब 1,69,000 रुपये तक पहुंच गया है—यानी लगभग 70% रिटर्न। वहीं, चांदी जनवरी में 85,000 प्रति किलोग्राम से बढ़कर 1.69 लाख पर आ गई, जो 76% से अधिक की वृद्धि दर्शाती है। लेकिन कुल रिटर्न के लिहाज से चांदी ने सोने को पीछे छोड़ा है, क्योंकि इसकी औद्योगिक मांग (ईवी, सोलर पैनल) ने कीमतों को अतिरिक्त बल दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, सोना सुरक्षित निवेश के रूप में स्थिर रहा, जबकि चांदी की दोहरी भूमिका (निवेश + औद्योगिक) ने इसे हाई-रिटर्न एसेट बना दिया। गोल्ड-सिल्वर रेशियो 80 से घटकर 82 पर आ गया, जो चांदी के पक्ष में है।
| धातु | जनवरी 2025 कीमत | अक्टूबर 2025 कीमत | रिटर्न (%) |
|---|---|---|---|
| सोना (10 ग्राम) | ₹73,000 | ₹1,30,000 | 70 |
| चांदी (1 किलो) | ₹85,000 | ₹1,69,000 | 100 |
आंकड़े अनुमानित; स्रोत: IBJA और MCX डेटा।
तेजी के पीछे मुख्य कारण
इस हफ्ते की तेजी के पीछे कई कारक हैं। अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट कटौती की उम्मीद ने डॉलर को कमजोर किया, जिससे सोना-चांदी महंगे हुए। वैश्विक स्तर पर अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और मध्य पूर्व की अस्थिरता ने सुरक्षित संपत्ति की मांग बढ़ाई। भारत में दिवाली की खरीदारी से फिजिकल डिमांड 20% ऊपर रही। इसके अलावा, चांदी की औद्योगिक मांग (सोलर एनर्जी में 15% वृद्धि) ने कीमतों को सहारा दिया।
निवेशकों के लिए सलाह: अवसर और जोखिम
साल भर के शानदार रिटर्न से सोना-चांदी आकर्षक लग रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं। कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषक कहते हैं, “चांदी में 100% रिटर्न संभव है, लेकिन वोलेटिलिटी हाई है।” सोने के लिए ₹1.30 लाख का टारगेट है, जबकि चांदी ₹1.60 लाख तक जा सकती है। सलाह: पोर्टफोलियो का 5-10% ही इनमें रखें, ईटीएफ या सिक्कों से निवेश करें। टैक्स और मेकिंग चार्ज का ध्यान रखें।
निष्कर्ष
इस हफ्ते सोना-चांदी की तेजी त्योहारी उत्साह को दर्शाती है, लेकिन वैश्विक अनिश्चितताओं से सतर्क रहना जरूरी। 70% और 100% रिटर्न ने निवेशकों को लाभ पहुंचाया, लेकिन आगे फेड की नीतियां और डॉलर की गति तय करेगी। अगर आप लंबे समय के निवेशक हैं, तो यह सुनहरा मौका है, लेकिन शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स सावधानी बरतें। बाजार की निगरानी से सही निर्णय लें।