सरकारी बॉन्ड नीलामी का सुनहरा मौका: 31 अक्टूबर को ₹32,000 करोड़ के G-Secs की बिक्री, निवेशकों को सुरक्षित रिटर्न का लाभ
RBI की नीलामी से 6.10% यील्ड वाले बॉन्ड्स, फ्लोटिंग रेट और लॉन्ग-टर्म 2061 मैच्योरिटी; कम जोखिम वाले निवेश के लिए आदर्श
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के माध्यम से केंद्र सरकार 31 अक्टूबर 2025 को ₹32,000 करोड़ मूल्य के सरकारी प्रतिभूतियों (G-Secs) की नीलामी आयोजित करने जा रही है। यह नीलामी निवेशकों के लिए सुरक्षित और आकर्षक निवेश का अवसर प्रदान करेगी, जहां कम जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न सुनिश्चित होगा। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की घोषणा के अनुसार, नीलामी में तीन मुख्य श्रेणियां शामिल हैं: 6.10% कूपन वाले 2031 मैच्योरिटी बॉन्ड (₹13,000 करोड़), फ्लोटिंग रेट बॉन्ड 2034 (₹7,000 करोड़) और नई सरकारी प्रतिभूति 2061 (₹12,000 करोड़)। यह कदम सरकार की उधार आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ-साथ खुदरा और संस्थागत निवेशकों को बॉन्ड मार्केट में भागीदारी का मौका देगा। वर्तमान में बॉन्ड यील्ड 6-7% के बीच होने से यह FDs या इक्विटी से बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
नीलामी का विवरण: तीन श्रेणियों में बंटा कर्ज
नीलामी मूल्य आधारित (Price Based Auction) तरीके से मुंबई में सुबह 12 बजे शुरू होगी, जो दोपहर 12:30 बजे समाप्त होगी। इसमें नकद प्रबंधन बिल (Cash Management Bills) की कोई नीलामी नहीं होगी। मुख्य विशेषताएं:
- 6.10% सरकारी स्टॉक 2031: ₹13,000 करोड़ की अधिसूचित राशि, जो मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त है। कूपन रेट 6.10% होने से सालाना ब्याज आय आकर्षक रहेगी।
- भारत सरकार फ्लोटिंग रेट बॉन्ड 2034: ₹7,000 करोड़, जो ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव से जुड़ा है। यह बॉन्ड रेपो रेट से लिंक्ड है, जो बदलती अर्थव्यवस्था में फायदेमंद साबित हो सकता है।
- नई सरकारी प्रतिभूति 2061: ₹12,000 करोड़, 36 वर्ष की लंबी अवधि वाली, जो पेंशन फंड्स और लॉन्ग-टर्म निवेशकों के लिए आदर्श।
RBI ने ग्रीन शू ऑप्शन के तहत अतिरिक्त ₹4,800 करोड़ तक की अधिसूचना की संभावना रखी है। बोलीदारों में प्राइमरी डीलर्स, बैंक, बीमा कंपनियां और खुदरा निवेशक शामिल होंगे। न्यूनतम बोली ₹10,000 मूल्य की होगी, जो खुदरा भागीदारी को आसान बनाएगी।
निवेशकों के लिए लाभ: सेफ और आकर्षक रिटर्न
सरकारी बॉन्ड्स भारत के सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक हैं, क्योंकि इन पर सरकार की गारंटी होती है। वर्तमान यील्ड कर्व के अनुसार, 2031 बॉन्ड पर 6.10% से अधिक रिटर्न संभव है, जबकि 2061 मैच्योरिटी पर 7% के करीब। फ्लोटिंग रेट बॉन्ड ब्याज दरों में वृद्धि पर लाभ देगा। विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति (5-6%) से ऊपर रिटर्न मिलने से यह FDs से बेहतर है, जहां टैक्स प्रभाव अधिक होता है।
खुदरा निवेशकों के लिए RBI रिटेल डायरेक्ट प्लेटफॉर्म के जरिए भागीदारी आसान है। लॉन्ग-टर्म निवेशकों को कैपिटल गेन टैक्स में छूट मिल सकती है। हालांकि, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद से बॉन्ड की कीमतें बढ़ सकती हैं, जो सेकेंडरी मार्केट में लाभ देगी।
| बॉन्ड श्रेणी | अधिसूचित राशि (₹ करोड़) | कूपन रेट/विशेषता | मैच्योरिटी |
|---|---|---|---|
| 6.10% सरकारी स्टॉक 2031 | 13,000 | 6.10% फिक्स्ड | 2031 |
| फ्लोटिंग रेट बॉन्ड 2034 | 7,000 | रेपो रेट लिंक्ड | 2034 |
| नई सरकारी प्रतिभूति 2061 | 12,000 | फिक्स्ड (TBD) | 2061 |
आंकड़े: PIB प्रेस रिलीज से।
बाजार पर प्रभाव: उधार और अर्थव्यवस्था का संकेत
यह नीलामी FY26 की उधार योजना का हिस्सा है, जहां सरकार ₹14.13 लाख करोड़ के G-Secs जारी करने का लक्ष्य रखेगी। मजबूत निवेशक प्रतिक्रिया से यील्ड कर्व स्थिर रहेगा, जो बॉन्ड मार्केट को सपोर्ट करेगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि नीलामी में 6.5-7% यील्ड मिल सकती है, जो अर्थव्यवस्था की स्थिरता को दर्शाता है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि यह कदम फिस्कल डिसिप्लिन बनाए रखने में मददगार होगा।
निष्कर्ष
31 अक्टूबर की सरकारी बॉन्ड नीलामी निवेशकों के लिए सुरक्षित रिटर्न का सुनहरा मौका है। ₹32,000 करोड़ के इस इश्यू से खुदरा भागीदारी बढ़ेगी, जो वित्तीय समावेशन को मजबूत करेगी। कम जोखिम और आकर्षक यील्ड के साथ, यह पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का बेहतरीन विकल्प है। निवेशकों को RBI रिटेल डायरेक्ट पर रजिस्टर कर बोली लगानी चाहिए, ताकि अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान दें।