पीएम मित्रा पार्क – देश का अगला टेक्सटाईल हब मध्य प्रदेश के धार जिले में !
मध्य प्रदेश: धार में स्थापित होने वाला पीएम मेगा इंटीग्रेटेड टैक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्क, भारत को वैश्विक वस्त्र महाशक्ति बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधार बनने जा रहा है। करीब 2,158 एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला और 2,000 करोड़ रुपए से अधिक लागत वाला यह पार्क अत्याधुनिक अधोसंरचना, सतत् विकास और रणनीतिक नीति समर्थन के माध्यम से टेक्सटाइल हब बनने की ओर अग्रसर है। “फार्म से फाइबर से फैक्ट्री से फैशन से फॉरेन” की दूरदर्शी 5F (फाईव एफ) की अवधारणा पर आधारित यह पार्क लगभग तीन लाख रोजगार का सृजन करेगा, जिनमें एक लाख प्रत्यक्ष और दो लाख अप्रत्यक्ष रोजगार होंगे। पीएम मित्रा पार्क को राज्य प्राधिकरण द्वारा ग्रीनफील्ड परियोजना के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें स्टॉर्म वॉटर ड्रेनेज, जलापूर्ति प्रणाली, अपशिष्ट प्रबंधन और सीवेज संग्रह, 220 केवीए सब-स्टेशन, SCADA-नियंत्रित यूटिलिटीज़ और सुव्यवस्थित स्ट्रीट लाइटिंग और सुविधाएं जैसी आधुनिक ट्रंक अवसंरचना भी शामिल हैं। मजबूत सहायक अधोसंरचना में 20 एमएलडी की कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी), श्रमिकों और महिला कर्मचारियों के लिए आवास, 10 एमवीए सौर ऊर्जा संयंत्र और 95,750 वर्गमीटर क्षेत्र में फैली 81 प्लग-एंड-प्ले यूनिट्स शामिल हैं। इसके अलावा दो केंद्रीकृत स्टीम बॉयलर और पाइपलाइन नेटवर्क भी उद्योग इकाइयों में होंगे।
पार्क की वर्तमान प्रगति
राज्य सरकार और भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर के साथ “पीएम मित्रा पार्क मध्यप्रदेश लिमिटेड” नामक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) का गठन किया गया। पार्क में निवेश के लिए 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक के इंटेंशन-टू-इन्वेस्ट प्राप्त हो चुके हैं। साथ ही, इंडियन कॉटन फेडरेशन, साउदर्न इंडिया मिल्स एसोसिएशन, तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन और टैक्सटाइल मर्चेंट एसोसिएशन, दुबई जैसी प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं के साथ भी एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे पार्क के इकोसिस्टम को बढ़ावा दिया जा सके। यहां निर्माण गतिविधियां तेजी से चल रही हैं, जहां 60 प्रतिशत साइट लेवलिंग और पार्क के मुख्य द्वार का निर्माण पूरा हो चुका है। राज्य राजमार्ग-18 से करीब 1.4 किमी लंबी छह लेन की सम्पर्क सड़क, बदनावर से 220 के.व्ही. की पावर लाइन और माही डैम से 20 एमएलडी जलापूर्ति योजना जैसी प्रमुख बाहरी परियोजनाएं भी प्रगति पर हैं। पार्क को “ग्रीन रेटिंग” प्राप्त करने के लिए इंडियन ग्रीन बिल्डिंग कॉउंसिल के साथ परामर्श भी किया जा रहा है।