कोरोना से परेशान इकॉनमी को रीपो रेट कट की राहत ईएमआई घटेंगी

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कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन से नुकसान को देखते हुए वित्त मंत्री के पैकेज के बाद RBI ने कई राहत की घोषणा की हैं। लॉकडाउन की वजह से इनकम लॉस हो रहा है और ऐसे में आरबीआई ने रीपो रेट में कटौती कर ईएमआई और घटने का रास्ता साफ कर दिया है। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने नीतिगत ब्याज दरों में बड़ी कटौती की है। रीपो रेट में 75 bps की कटौती का ऐलान किया है, नया रेट 4.4%। कटौती के इस ऐलान से लौन की मासिक किस्तें घटेंगी, जो आम लोगों के लिए राहत की बात है।

इसके साथ ही रिवर्स रीपो रेट 90 बीपीएस घटाकर 4 पर्सेंट घटा दिया गया है ताकि बैंकों के लिए इसे अनाकर्षित करने के लिए किया गया है। गवर्नर का कहना था कि कच्चे तेल के घटे भाव के कारण इकॉनमी पर दबाव घटा है। पिछले दो पॉलिसी रिव्यू में रीपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था।

दास ने कहा कि कोरोना वायरस की इस महामारी से निबटने के लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘आरबीआई के इस कदम से होम, कार या अन्य तरह के लोन सहित कई तरह के ईएमआई भरने वाले करोड़ों लोगों को काफी राहत मिल सकती है। आम लोगों के साथ कारोबार पर कोरोना के असर को देखते हुए सरकार कर्ज की EMI पर राहत देने की तैयारी कर चुकी है।’

सभी बैंकों के लिए कैश रिजर्व रेशो(CRR) में 100 बीपीएस की कटौती, नया रेशो नेट डिमांड का 3%, यह 28 मार्च से शुरू हो रही फोर्टनाइट से लागू, एक साल के लिए।

सीआरआर में 100 बीपीएस की कटौती, इससे बाजार में 1.37 लाख करोड़ रुपये आएंगे।

आरबीआई ने कमर्शल और क्षेत्रीय बैंकों को तीन महीने तक कर्ज और ब्याज पर राहत देने की सलाह दी है। उन्होंने देश को आश्वस्त करते हुए कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम पूरी तरह से सुरक्षित है।

गुरुवार को कोरोनाग्रस्त इकॉनमी को राहत देते हुए वितत् मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.70 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। इस पैकेज का ऐलान प्रधान मंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत किया गया था ताकि 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से लोगों की परेशानी न बढ़े और गरीब तबके को आसानी से खाना, कैश आदि की उपलब्धता बनी रहे।

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