<![CDATA[अगले चार महीने में इंश्योरेंस कंपनी HDFC लाइफ, ICICI लोम्बार्ड और जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन सहित 13 कंपनियां IPO लाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि ये कंपनियां IPO के जरिए दिसंबर तक 30-40 हजार करोड़ रुपए जुटा सकती है. बेहतर होते घरेलू आर्थिक संकेत और ग्लोबल मार्केट के साथ-साथ सेकेंडरी मार्केट में सुधरते हालात का असर प्राइमरी (IPO) मार्केट पर देखने को मिल रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन कंपनियों शेयर्स के लिए खरीदार मिलने में मुश्किल नहीं होगी, क्योंकि मार्केट में इनवेस्टर्स इस समय जमकर पैसे लगा रहे हैं, लेकिन इससे निकट भविष्य में मार्केट की तेजी पर लगाम लग सकती है. इन कंपनियों के आ सकते हैं IPO मार्केट एक्सपर्ट्स बताते हैं कि इस साल दिसंबर तक HDFC स्टैंडर्ड लाइफ 10 हजार करोड़ रुपए, NSE 10 हजार करोड़ रुपए, न्यू इंडिया एश्योरेंस 7 हजार करोड़ रुपए, SBI लाइफ 7 हजार करोड़ रुपए, जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन 10 हजार करोड़ रुपए, ICICI लोम्बार्ड 5 हजार करोड़ रुपए आईपीओ के जरिए जुटा सकती हैं. इसके अलावा, भारत रोड नेटवर्क्स, महिंद्रा लॉजिस्टिक्स, गोदरेज एग्रोवेट, प्रताप स्नैक्स भी प्राइमरी मार्केट से पैसे जुटाने की तैयारी में है. इस साल अभी तक 15 कंपनियों ने 12,600 करोड़ जुटाए इस साल जुलाई तक 15 कंपनियों ने IPO के जरिए 12,600 करोड़ रुपए जुटाए हैं. यह 2008 के बाद साल के पहले सात महीनों में जुटाई गई सबसे अधिक रकम है. 2008 में इस अवधि के दौरान 16,700 करोड़ रुपए जुटाए गए थे. इस साल IPO के जरिए और 30,000 करोड़ रुपये हासिल करने से 2017 इस माध्यम से जुटाई गई रकम के लिहाज से सबसे बेहतर साल होगा. वीएम पोर्टफोलियो के हेड विवेक मित्तल कहते हैं कि इतने बड़े साइज के IPO आने से इनवेस्टर्स की बड़ी रकम इनमें लग सकती है और इससे शॉर्ट टर्म में मार्केट पर दबाव देखने को मिलेगा. ऐसे उठाएं फायदा आईपीओ के जरिए कंपनियां बाजार से पूंजी जुटाती हैं. और जुटाई गई पूंजी का इस्तेमाल कारोबार को बढ़ाने में करती है. आईपीओ में निवेश नए निवेशक के लिए फायदेमंद है. आईपीओ निवेश के जरिए नए निवेशक अपने मनपसंद कारोबार में हिस्सेदार बन सकते हैं. साथ ही, आईपीओ में मुनाफा कमाने के मौके भी होते है. आईपीओ में निवेश ब्रोकर के जरिए किया जाता है. आईपीओ में ऑनलाइन निवेश भी संभव है. आईपीओ 3 कामकाजी दिन तक ही खुलता है. आईपीओ का प्राइस प्रमोटर्स और मर्चेंट बैंकर मिलकर तय करते हैं. शेयर प्राइसिंग 2 तरह से तय होती है. फिक्स प्राइसिंग और प्राइस बैंड. फिक्स प्राइसिंग पर आईपीओ अब बहुत कम होते हैं. प्राइस बैंड अधिकतम 20 फीसदी का हो सकता है. लिस्टिंग के वक्त शेयर बेचकर मुनाफा कमाने को लिस्टिंग गेन कहा जाता है. लिस्टिंग के बाद शेयर बेचकर मुनाफा कमाने वाले आम तौर पर ट्रेडर्स होते हैं. आईपीओ में लंबे नजरिए से पैसा लगाने वाले निवेशक होते हैं. प्राइस बैंड वाले आईपीओ में निवेशकों को प्राइस रेंज का चुनाव करना होता है. आईपीओ जारी होने के 7 दिन के भीतर कंपनी लिस्ट हो जाती है]]>