आईटी सेक्टर में मजबूत प्रदर्शन, इंफोसिस ने 8 हजार नई भर्तियां की, विप्रो के शेयरों में इस साल 15% गिरावट; जानिए पूरा वित्तीय विश्लेषण
भारतीय आईटी सेक्टर की दो दिग्गज कंपनियां इंफोसिस और विप्रो ने वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर 2025) के रिजल्ट्स घोषित कर दिए हैं। जहां इंफोसिस ने मजबूत ग्रोथ दिखाई है, वहीं विप्रो का प्रदर्शन मिश्रित रहा। इंफोसिस का नेट प्रॉफिट 13.2% बढ़कर 7,364 करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि विप्रो का मुनाफा 1.5% की मामूली बढ़त के साथ 3,246 करोड़ रुपये रहा। इंफोसिस ने 23 रुपये प्रति शेयर अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया और 8 हजार नई हायरिंग की, जबकि विप्रो के रेवेन्यू में 2% की बढ़त दर्ज हुई लेकिन शेयरों में इस साल 15% की गिरावट आई। ये रिजल्ट्स वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच आईटी इंडस्ट्री की लचीलापन को दर्शाते हैं, जहां लार्ज डील्स और AI फोकस ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इंफोसिस का मजबूत प्रदर्शन: मुनाफा और रेवेन्यू में उछाल
इंफोसिस ने Q2 FY26 में शानदार नतीजे पेश किए। कंपनी का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 13.2% बढ़कर 7,364 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 6,506 करोड़ रुपये था। रेवेन्यू में भी 9% की बढ़त दर्ज हुई, जो 44,490 करोड़ रुपये पहुंच गया। क्वार्टर-ऑन-क्वार्टर आधार पर प्रॉफिट में 6.4% की गिरावट आई, लेकिन कुल मिलाकर परिणाम स्ट्रीट अनुमानों से बेहतर रहे। कंपनी ने FY26 के रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस को 2-3% तक संशोधित किया, जो पहले 1-3% था, जबकि ऑपरेटिंग मार्जिन 20-22% पर बरकरार रखा।
इंफोसिस ने निवेशकों को खुश करने के लिए 23 रुपये प्रति शेयर अंतरिम डिविडेंड का ऐलान किया, जो पिछले साल से 9.5% अधिक है। रिकॉर्ड डेट 27 अक्टूबर 2025 तय की गई है, और पेमेंट 7 नवंबर तक होगा। इसके अलावा, कंपनी ने 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक की भी घोषणा की। हायरिंग फ्रंट पर इंफोसिस ने Q2 में 8 हजार नई भर्तियां कीं, और H1 FY26 में कुल 12 हजार फ्रेशर्स को जोड़ा, जो FY26 के लिए 20 हजार हायरिंग के टारगेट पर ट्रैक है। सीईओ सलिल पारेख ने कहा कि मजबूत डील मोमेंटम और AI इन्वेस्टमेंट से कंपनी का फ्यूचर ब्राइट है।
विप्रो का मिश्रित प्रदर्शन: मुनाफा बढ़ा लेकिन ग्रोथ धीमी
विप्रो के Q2 FY26 रिजल्ट्स में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 1.5% बढ़कर 3,246 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 3,208 करोड़ रुपये था। हालांकि, क्वार्टर-ऑन-क्वार्टर आधार पर इसमें 2.5% की गिरावट आई। रेवेन्यू में 2% की बढ़त दर्ज हुई, जो 22,697 करोड़ रुपये पहुंच गया। कांस्टेंट करेंसी में रेवेन्यू QoQ 0.3% बढ़ा लेकिन YoY 2.6% गिरा। कंपनी ने लार्ज डील बुकिंग्स में मजबूत प्रदर्शन किया, जो 2,853 मिलियन डॉलर रही, YoY 90.5% ऊपर। H1 FY26 में कुल बुकिंग्स 9.5 बिलियन डॉलर से अधिक हो गईं।
विप्रो के शेयरों में इस साल 15% की गिरावट आई है, जो वैश्विक मंदी और डिमांड स्लोडाउन से प्रभावित रहा। हालांकि, सीईओ श्रीनि पल्लिया ने कहा कि यूरोप और APMEA में ग्रोथ वापसी और AI फोकस से कंपनी मजबूत बनी हुई है। कंपनी ने Q2 में 2,900 फ्रेशर्स को हायर किया और डिमांड-बेस्ड हायरिंग जारी रखने की बात कही। ऑपरेटिंग मार्जिन 16.7% रहा, जो एक ग्राहक की दिवालिया होने से प्रभावित हुआ।
तुलनात्मक विश्लेषण: आईटी सेक्टर की चुनौतियां और अवसर
इंफोसिस और विप्रो के रिजल्ट्स आईटी सेक्टर में मिश्रित ट्रेंड्स को दर्शाते हैं। इंफोसिस की डबल-डिजिट ग्रोथ और हायरिंग सेक्टर में रिकवरी के संकेत देती है, जबकि विप्रो की धीमी ग्रोथ वैश्विक अनिश्चितताओं को उजागर करती है। दोनों कंपनियों ने लार्ज डील्स पर फोकस किया, जो AI और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़े हैं। इंफोसिस ने 118 नए क्लाइंट्स जोड़े, जबकि विप्रो की बुकिंग्स में रिकॉर्ड बढ़त हुई।
| कंपनी | नेट प्रॉफिट (क्यू2 FY26) | YoY ग्रोथ (%) | रेवेन्यू (क्यू2 FY26) | YoY ग्रोथ (%) | अन्य मुख्य पॉइंट्स |
|---|---|---|---|---|---|
| इंफोसिस | 7,364 करोड़ रुपये | 13.2 | 44,490 करोड़ रुपये | 9 | 23 रुपये डिविडेंड, 8 हजार हायरिंग |
| विप्रो | 3,246 करोड़ रुपये | 1.5 | 22,697 करोड़ रुपये | 2 | शेयर 15% गिरे, 2,900 फ्रेशर्स हायर |
आंकड़े: कंपनी फाइलिंग्स से।
निष्कर्ष
इंफोसिस और विप्रो के Q2 रिजल्ट्स से आईटी सेक्टर में आशावाद की किरण दिख रही है, लेकिन चुनौतियां बरकरार हैं। इंफोसिस की मजबूत ग्रोथ और हायरिंग युवाओं के लिए अच्छी खबर है, जबकि विप्रो को ग्रोथ तेज करने की जरूरत है। निवेशकों के लिए यह समय सतर्क रहने का है, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था और AI ट्रेंड्स सेक्टर की दिशा तय करेंगे। आने वाले क्वार्टर्स में और सुधार की उम्मीद है।