मध्यप्रदेश में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव 2024-25: ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में पर्यटन को मिलेगा नया आयाम

16

ख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राज्य में पर्यटन को गति देने के लिए बड़ा ऐलान किया है। 12-13 अगस्त को ग्वालियर और 20-21 सितम्बर को इंदौर में रीजनल टूरिज्म कॉन्क्लेव आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही 11-13 अक्टूबर को भोपाल में “मध्यप्रदेश ट्रैवल मार्ट (एम.पी.टी.एम)” का आयोजन होगा, जो पर्यटन उद्योग के हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा।

स्वच्छता के क्षेत्र में प्रदेश का दबदबा

मुख्यमंत्री ने मंत्रिपरिषद की बैठक में बताया कि इंदौर लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बना है, जबकि भोपाल को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ। राज्य के 338 शहर ओडीएफ डबल प्लस और 24 शहर वॉटर प्लस श्रेणी में आ चुके हैं।

रीवा में सफल आयोजन और निवेश का भरोसा

26-27 जुलाई को रीवा में आयोजित वाइल्डलाइफ व ऑफबीट डेस्टिनेशन पर आधारित कॉन्क्लेव में 80 से अधिक टूर ऑपरेटर्स ने हिस्सा लिया। इसमें 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की रुचि व्यक्त की गई। शहडोल में 15.6 करोड़ की लागत से बने फूड क्राफ्ट इंस्टीट्यूट का उद्घाटन और चित्रकूट में 27 करोड़ के आध्यात्मिक विकास कार्य शुरू किए गए।

अब आइआरसीटीसी पोर्टल से करें पीएमश्री वायुसेवा की बुकिंग

राज्य की नई हवाई सेवा “पीएमश्री वायुसेवा” की बुकिंग अब सीधे IRCTC पोर्टल से की जा सकेगी, जिससे यात्रा और अधिक सुगम होगी।

डिजिटल प्रचार में तेजी

कॉन्क्लेव के डिजिटल प्रचार के लिए बारकोड एंटरटेनमेंट और क्विकी डिजिटल जैसी एजेंसियों से करार किया गया है। इसके साथ ही वेंकट भवन (रीवा) का संरक्षण इंदिरा गांधी कला केंद्र द्वारा कराया जाएगा, जिस पर 20 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

कला व शिल्प केंद्रों का विकास

मंडला, डिंडोरी, सिंगरौली, सीधी और सिवनी में कला और शिल्प केंद्रों के लिए एमओयू किए गए हैं। इससे लोककला और शिल्पकारों को प्रोत्साहन मिलेगा।

पर्यटन उत्पादों को मिलेगा मंच

ग्वालियर और इंदौर के रीजनल कॉन्क्लेव के माध्यम से होटल मालिकों, ट्रैवल ऑपरेटर्स और अन्य हितधारकों को अपने पर्यटन उत्पादों के प्रचार-प्रसार और नेटवर्किंग का अवसर मिलेगा। भोपाल का ट्रैवल मार्ट इस श्रृंखला की मुख्य कड़ी होगा।

झरनों और धार्मिक स्थलों का होगा विकास

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अद्वितीय झरनों और मंदसौर के धर्मराजेश्वर जैसे स्थलों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। साथ ही महाकालेश्वर मंदिर, पचमढ़ी के नागद्वारी जैसे धार्मिक स्थलों को भी विशेष रूप से संजोया जाएगा।


निष्कर्ष

मध्यप्रदेश में आगामी पर्यटन आयोजनों और योजनाओं से स्पष्ट है कि सरकार राज्य को भारत का प्रमुख पर्यटन केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्वालियर, इंदौर और भोपाल में आयोजित हो रहे टूरिज्म कॉन्क्लेव, निवेशकों, ट्रैवल एजेंसियों और पर्यटकों के लिए नए अवसर लेकर आ रहे हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.