औद्योगिक मांग और सुरक्षित निवेश की चाहत से चांदी की चमक बढ़ी, विशेषज्ञों की राय- लंबी अवधि में रखें धैर्य; जानिए रिस्क और लाभ
चांदी के दामों में पिछले 10 महीनों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। दिसंबर 2024 में ₹86,000 प्रति किलोग्राम पर कारोबार करने वाली चांदी अक्टूबर 2025 में ₹1.75 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है, जो लगभग दोगुनी वृद्धि दर्शाती है। इस दौरान चांदी ने निवेशकों को करीब 103% का रिटर्न दिया है, जो सोने के रिटर्न से 37% अधिक है। जहां सोना इसी अवधि में ₹75,000 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर ₹1.25 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास पहुंचा है (लगभग 66% रिटर्न), वहीं चांदी की तेजी औद्योगिक मांग, सुरक्षित निवेश की चाहत और वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रेरित है। विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी में निवेश अभी भी आकर्षक हो सकता है, लेकिन इसमें उतार-चढ़ाव का जोखिम भी है।
चांदी के दामों में उछाल के कारण
चांदी की कीमतों में यह तेजी मुख्य रूप से वैश्विक और घरेलू कारकों से आई है। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), सोलर पैनल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में चांदी की बढ़ती मांग ने कीमतों को सपोर्ट किया। वैश्विक स्तर पर अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और अमेरिकी फेड की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों ने सुरक्षित निवेश के रूप में चांदी को आकर्षक बनाया। भारत में त्योहारी सीजन, दशहरा-दिवाली की मांग और रुपए की कमजोरी (83.80 प्रति डॉलर) ने कीमतों को और ऊपर धकेला। एमसीएक्स पर चांदी के दिसंबर फ्यूचर्स हाल में ₹1.71 लाख प्रति किलोग्राम तक पहुंचे, जो आपूर्ति की कमी और निवेशकों की खरीदारी से प्रेरित था।
पिछले 10 महीनों का ट्रेंड देखें तो दिसंबर 2024 में ₹86,000 से शुरू होकर मार्च 2025 तक ₹97,000, जून तक ₹1.25 लाख और अक्टूबर तक ₹1.75 लाख तक पहुंचना एक रिकॉर्ड उछाल है। वैश्विक स्तर पर चांदी $52 प्रति औंस तक पहुंची, जो दशकों का उच्चतम स्तर है।
सोने से तुलना: चांदी क्यों आगे?
सोने के मुकाबले चांदी ने बेहतर प्रदर्शन किया है। जहां सोने ने 66% रिटर्न दिया, वहीं चांदी का रिटर्न 103% रहा, यानी 37% अधिक। सोने की कीमतें ₹75,000 प्रति 10 ग्राम से बढ़कर ₹1.25 लाख तक पहुंचीं, लेकिन चांदी की दोहरी भूमिका (औद्योगिक और निवेश) ने इसे आगे रखा। चांदी-सोना अनुपात (गोल्ड-सिल्वर रेशियो) 80 से घटकर 84-85 पर आया, जो चांदी के पक्ष में है। विशेषज्ञों के अनुसार, चांदी की सस्ती वैल्यूएशन और औद्योगिक उपयोग (ईवी में 50% मांग) ने इसे सोने से बेहतर विकल्प बनाया। हालांकि, सोना सुरक्षित निवेश के रूप में अब भी पसंदीदा है।
| धातु | दिसंबर 2024 कीमत | अक्टूबर 2025 कीमत | रिटर्न (%) |
|---|---|---|---|
| चांदी (प्रति किलो) | ₹86,000 | ₹1.75 लाख | 103 |
| सोना (प्रति 10 ग्राम) | ₹75,000 | ₹1.25 लाख | 66 |
निवेश कितना सही? विशेषज्ञों की राय
चांदी में निवेश को लेकर विशेषज्ञ मिश्रित राय रखते हैं। लंबी अवधि (3-5 साल) में यह फायदेमंद हो सकता है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में वोलेटाइल है। कोटक सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का कहना है कि चांदी ₹1.50 लाख से ऊपर टिकेगी, लेकिन अमेरिकी फेड की नीतियों और वैश्विक मंदी से गिरावट आ सकती है। निवेश के विकल्प:
- भौतिक चांदी: सिक्के/बार खरीदें, लेकिन स्टोरेज और सुरक्षा का ध्यान रखें।
- ईटीएफ/फंड: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल सिल्वर ईटीएफ जैसे ऑप्शन सुरक्षित हैं, कोई भौतिक डिलीवरी नहीं।
- फ्यूचर्स/ऑप्शंस: एमसीएक्स पर ट्रेडिंग, लेकिन रिस्क हाई। रिस्क: वैश्विक आपूर्ति बढ़ने या मंदी से कीमतें गिर सकती हैं। लाभ: महंगाई हेज और औद्योगिक ग्रोथ से रिटर्न। सलाह- पोर्टफोलियो का 5-10% चांदी में रखें, सोने के साथ बैलेंस करें।
निष्कर्ष
चांदी के दामों में यह दोगुनी तेजी निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर है, लेकिन सतर्कता जरूरी। सोने से बेहतर रिटर्न ने चांदी को आकर्षक बनाया है, लेकिन वैश्विक कारक कीमतों को प्रभावित कर सकते हैं। अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर रहे हैं, तो चांदी अच्छा विकल्प है, लेकिन विशेषज्ञ सलाह लें। त्योहारी सीजन में खरीदारी से पहले बाजार ट्रेंड चेक करें।