निवेशक कनेक्ट 2025: सीएम यादव की पहल से एमपी बनेगा पूर्वोत्तर का आर्थिक साझा गंतव्य
गुवाहाटी में निवेशकों से वन-टू-वन संवाद, असम-भूटान उद्योगपतियों को लुभाया; नई साझेदारियों से रोजगार और विकास को मिलेगी गति
मध्य प्रदेश सरकार की ‘निवेशक कनेक्ट 2025’ पहल के तहत मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को असम की राजधानी गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों और भूटान के निवेशकों के साथ सीधा संवाद किया। इस इंटरैक्टिव सेशन में सीएम ने मध्य प्रदेश को उद्योग स्थापना के लिए सबसे अनुकूल गंतव्य बताते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र को आर्थिक साझेदार बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया। कार्यक्रम में असम के प्रमुख उद्योगपतियों, भूटान के राजनयिकों और पूर्वोत्तर के उद्यमियों ने भाग लिया, जहां वन-टू-वन चर्चाओं के माध्यम से निवेश की अपार संभावनाओं पर रोशनी डाली गई। यह आयोजन न केवल दोनों क्षेत्रों के बीच आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि मध्य प्रदेश के ‘उद्योग एवं रोजगार वर्ष 2025’ को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
कार्यक्रम का स्वरूप और मुख्य आकर्षण
गुवाहाटी के एक प्रमुख होटल में आयोजित ‘इंटरएक्टिव सेशन ऑन इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्य प्रदेश’ कार्यक्रम में सीएम यादव ने उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए प्रदेश की केंद्रीय भौगोलिक स्थिति, सस्ती बिजली-पानी, कुशल श्रमबल और विश्वस्तरीय लॉजिस्टिक्स का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “मध्य प्रदेश हृदय प्रदेश होने के साथ-साथ देश का सबसे उपयुक्त निवेश प्रदेश है। पूर्वोत्तर के उद्यमी यहां निवेश करके न केवल अपने व्यवसाय को विस्तार दे सकते हैं, बल्कि स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं।”
कार्यक्रम में जॉइंट सेशन के बाद वन-टू-वन मीटिंग्स हुईं, जहां निवेशकों को मध्य प्रदेश की औद्योगिक नीतियों, क्लस्टर आधारित विकास मॉडल और बाजारों तक आसान पहुंच के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। भूटान के रॉयल काउंसलेट के काउंसिल जनरल जिग्मे थिनले नामग्याल भी मौजूद रहे, जिन्होंने दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ औद्योगिक विकास के गेटवे के रूप में मध्य प्रदेश की भूमिका की सराहना की। असम के उद्योगपतियों ने पर्यटन, वन्यजीव और हस्तशिल्प क्षेत्रों में साझेदारी की संभावनाओं पर चर्चा की, जबकि मध्य प्रदेश ने पूर्वोत्तर के चाय, बांस और जैविक उत्पादों के लिए निर्यात अवसरों का प्रस्ताव रखा।
पूर्वोत्तर के साथ साझेदारी की रणनीति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने स्पष्ट किया कि यह साझेदारी पूर्वोत्तर क्षेत्र के उद्योगों को मध्य प्रदेश के मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने का माध्यम बनेगी। गुवाहाटी के अलावा डिब्रूगढ़, तिनसुकिया और जोरहाट जैसे क्षेत्रों के निवेशकों को भी लक्षित किया गया है। सीएम ने कहा, “पारदर्शी नेतृत्व और सुशासन से ही विकास संभव है। मध्य प्रदेश पूर्वोत्तर के लिए निवेश का आदर्श गंतव्य बनेगा, जहां साझा प्रयासों से नई विकास राहें तैयार होंगी।”
यह आयोजन फरवरी 2025 में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारी का हिस्सा है, जहां विदेशी उद्योगपतियों को आमंत्रित करने के लिए सीएम नवंबर में विदेश यात्रा पर जाने वाले हैं। हाल ही में आयोजित ग्लोबल समिट में मध्य प्रदेश को 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा मिल चुका है, जो रोजगार सृजन को गति देगा। पूर्वोत्तर के साथ यह साझेदारी विशेष रूप से पर्यटन, कृषि-आधारित उद्योग और रिन्यूएबल एनर्जी क्षेत्रों में फोकस करेगी, जहां दोनों क्षेत्रों की ताकत का उपयोग किया जा सकेगा।
आर्थिक प्रभाव और भविष्य की संभावनाएं
इस साझेदारी से पूर्वोत्तर के युवाओं को मध्य प्रदेश में रोजगार के अवसर मिलेंगे, जबकि मध्य प्रदेश पूर्वोत्तर के उत्पादों के लिए नया बाजार हासिल करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे द्विपक्षीय व्यापार में 20-25% की वृद्धि हो सकती है। सीएम की यह पहल राज्य सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें 2025 को उद्योग वर्ष घोषित कर निवेशकों को लुभाया जा रहा है। उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट और इंदौर में ग्रोथ कॉन्क्लेव जैसे अन्य आयोजनों की तरह यह सेशन भी सफल रहा, जहां निवेशकों ने एमओयू साइनिंग की दिलचस्पी जताई।
| क्षेत्र | संभावित साझेदारी | अपेक्षित लाभ |
|---|---|---|
| पर्यटन | वन्यजीव और सांस्कृतिक टूरिज्म | रोजगार सृजन, राजस्व वृद्धि |
| कृषि | जैविक उत्पाद और चाय निर्यात | बाजार विस्तार, निर्यात बढ़ावा |
| ऊर्जा | रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स | सतत विकास, निवेश आकर्षण |
आंकड़े आधारित अनुमान; स्रोत: मध्य प्रदेश उद्योग विभाग।
निष्कर्ष
निवेशक कनेक्ट 2025′ के तहत सीएम डॉ. मोहन यादव की गुवाहाटी यात्रा ने मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर के बीच आर्थिक साझेदारी की मजबूत नींव रखी है। यह न केवल निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि दोनों क्षेत्रों के विकास को नई दिशा प्रदान करेगी। सरकार का यह प्रयास युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार सुनिश्चित करने और आर्थिक समृद्धि को गति देने की दिशा में सराहनीय है। आने वाले समय में ऐसी पहलों से मध्य प्रदेश वैश्विक निवेश का प्रमुख केंद्र बनेगा।